अजय शर्मा,भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल सेंट्रल जेल अधीक्षक (Bhopal Central Jail Superintendent) की कुर्सी पर कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ( Anirudh Acharya Maharaj) के बैठने का मामला गर्मा गया है. जेल मुख्यालय ने महाराज के जेल अधीक्षक राकेश भांगरे की कुर्सी पर बैठने के मामले पर संज्ञान लिया है. जेल एडीजी ने मामले पर नाराजगी जताई और जेल अधीक्षक से बात भी की है. जेल प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है कि जेल नियमों के विरुद्ध जाकर महाराज कुर्सी पर कैसे बैठ गए.

दरअसल कथावाचक अनिरुद्धाचार्य कुछ दिन पहले आध्यात्मिक प्रवचन देने के लिए भोपाल सेंट्रल जेल पहुंचे थे. यहां जेल के अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ जेल के बंदियों ने भी उन्हें सुना. कथावाचक अनिरुद्धाचार्य जेल में प्रवचन देने के साथ ही जेल अधीक्षक के कक्ष में पहुंचे, यहां वह जेल अधीक्षक की कुर्सी पर बैठे. अब इस पर चर्चा हो रही है.

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सरकारी अधिकारी की कुर्सी पर विभागीय या अन्य कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा कोई अन्य व्यक्ति नहीं बैठ सकता है. यहां कोई अन्य सरकारी अधिकारी-कर्मचारी भी नहीं बैठ सकता. अब कथावाचक की जेल अधीक्षक की कुर्सी पर बैठने की तस्वीर वायरल होने के बाद इसे नियमों के खिलाफ बताकर तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं.

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बता दें कि इससे पहले हाल ही में कथावाचक अनिरुद्ध आचार्य महाराज को उत्तर प्रदेश के वृंदावन में आश्रम पर चिट्ठी पहुंची थी. धमकी भरे पत्र में एक करोड़ रुपये की मांग भी की गई है. नहीं तो बम से उड़ाने की धमकी मिली थी. जिससे हड़कंप मच गया है. उस समय आचार्य इंदौर में ही भागवत कथा करने आए थे.

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