रायपुर. राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद रायपुर में राज्य की पाठ्यचर्या की रूपरेखा के विकास के संबंध में राज्य संचालन समिति की बैठक हुई. इसमें पूर्व प्रशासनिक अधिकारी एवं शिक्षाविद् डॉ. सुशील त्रिवेदी ने सुझाव दिया कि बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा मातृभाषा में होनी चाहिए. शिक्षा में त्रिभाषा फार्मूला लागू हो, भाषा सिखाने के साथ-साथ संप्रेषण कौशल पर जोर दिया जाना चाहिए.

उन्होंने प्रौढ़ शिक्षा पर कहा कि प्रौढ़ शिक्षा के अंतर्गत नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी और वनांचल क्षेत्रों के लिए वनोपज केंद्रों में इस कार्यक्रम को जोड़ा जाना चाहिए. डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि आंकलन पद्धति में बदलाव की जरूरत है, राज्य की विविधता को देखते हुए आंकलन योजना तैयार करनी चाहिए. प्रारंभिक शिक्षा से संबंधित सभी विभागों को एकजुट होकर काम करना चाहिए.

उल्लेखनीय है कि पाठ्यचर्या की रूपरेखा स्कूल शिक्षा के प्रत्येक पहलू को दिशा निर्देशित करने वाला दस्तावेज होता है. नई शिक्षा नीति 2020 के अनुसार चार पाठ्यचर्याएं- स्कूल शिक्षा, ईसीसीई, शिक्षक-शिक्षा और प्रौढ़ शिक्षा का विकास किया जाना है. एनसीईआरटी के अपर संचालक डॉ. योगेश शिवहरे ने विश्वास जताया कि राज्य की आवश्यकता और संस्कृति के अनुकूल ही राज्य की पाठ्यचर्या तैयार की जाएगी. उन्होंने कहा कि पाठ्यचर्या इस तरह तैयार करें कि प्रत्येक बच्चे को विकास के समुचित अवसर प्राप्त हो सके.


शिक्षा के प्रत्येक पहलू के विकास पर दे रहे जोर
एनसीईआरटी के अपर संचालक डॉ. योगेश शिवहरे ने कहा कि राज्य में प्रारंभिक शिक्षा के प्रत्येक पहलू के विकास पर जोर दिया जा रहा है. इसके लिए राज्य में बालवाड़ी का संचालन किया जा रहा है, जिससे बच्चे प्रारंभिक साक्षरता और संख्या ज्ञान में महारत हासिल कर सकें और उनके सीखने की नींव मजबूत हो. आगे की कक्षाओं की शिक्षा के लिए भी इसी तरह की पुख्ता रणनीति तय करनी होगी, जिससे बच्चे अपेक्षित स्तर को प्राप्त कर सके.


कई विषयों पर दिया गया प्रशिक्षण
एनएच गोयल स्कूल की कल्पना चैधरी का कहना था कि बच्चों को विषयों के चुनाव और व्यवसायिक कौशल के संबंध में स्कूल कॉन्प्लेक्स की अवधारणा कारगर सिद्ध होगी. स्टेट स्टीयरिंग कमेटी के समक्ष कई विषयों पर प्रस्तुतीकरण दिया गया. ईसीसीई अर्थात बाल्य शिक्षा देखभाल विषय पर सुनील मिश्रा, नीलम अरोरा ने शिक्षक-शिक्षा विषय, आलोक शर्मा और राज्य साक्षरता मिशन के सहायक संचालक प्रशांत पांडेय ने प्रौढ़-शिक्षा पर प्रभावशाली प्रशिक्षण दिया.

बैठक में ये रहे मौजूद
बैठक में प्राध्यापक पुष्पा किस्पोट्टा, महिला बाल विकास विभाग के संयुक्त संचालक दिलदार सिंह मरावी, रविशंकर विश्वविद्यालय के सीडी अगाशे, अशोक प्रधान, छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के उप सचिव जेक. अग्रवाल, डाइट रायपुर के आरके वर्मा, दिव्यांग महाविद्यालय की शिखा वर्मा, पूर्व सहायक प्राध्यापक उत्पल चक्रवर्ती, सुधीर श्रीवास्तव, एनके प्रधान, शिक्षा महाविद्यालय रायपुर-बिलासपुर के प्राचार्य, संस्कृत विद्या मंडलम, मदरसा बोर्ड, अजीम प्रेमजी फाउंडेशन और लर्निंग लैंग्वेज फाउंडेशन के प्रतिनिधि सहित समिति के अन्य सदस्य उपस्थित थे.

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