रायपुर। 14वें राष्ट्रीय पशु अधिकार दिवस (नेशनल एनिमल राइट्स डे) के अवसर पर, इंसानों के मारे गए पशुओं की याद में एक श्रद्धांजलि कार्यकर्म आयोजित किया गया. दुनिया भर के 150 से अधिक प्रमुख शहरों में यह कार्यकर्म एक साथ आयोजित हुआ. श्रद्धांजलि सभा में स्थानीय पशु अधिकार कार्यकर्ताओं ने अपने मृतक पशु को याद किया और जनता को जानवरों के प्रति हमारे समाज के क्रूर व्यवहार और हर साल इंसानों की ओर से दुनिया भर में भोजन, खाल, प्रयोगशाला परीक्षण और मनोरंजन के लिए मारे जाने वाले अरबों जानवरों की पीड़ा, भय और दर्द को प्रत्यक्ष रूप से दर्शाया.

इस आश्चर्यजनक प्रदर्शन में, मानव दुर्व्यवहार और शोषण के परिणामस्वरूप मरने वाले अरबों जानवरों को सम्मानित और याद किया गया. उनकी तस्वीरों को फूलों से सजा कर मोमबत्तियां जलाई गई. कई चित्र, जिनमें मुर्गियां, भैंस, बकरी, मछली और कई अन्य जीव शामिल हैं, को कार्यकर्ताओं ने एक मेमोरियल के रूप में व्यवस्थित किया.

वीगंस ऑफ़ छत्तीसगढ़ की डॉ. किरण आहूजा ने कहा कि यह बेहद परेशान करने वाली बात है की हर साल सिर्फ 8 बिलियन इंसानों के भोजन मात्र के लिए 92.2 बिलियन पशुओं को मारा जाता है. वीगंस ऑफ़ छत्तीसगढ़ की अनंदिता दत्ता ने कहा कि सभी जीव आपकी और मेरी तरह पीड़ा से मुक्त रहना चाहते हैं और इंसानों को अब पशुओं को बक्श देना चाहिए.

समारोह के बाद प्रतिभागी मृतक पशुओं के चित्रों और बैनर्स को लेकर एक मोर्चा निकला, जिसमें रायपुर के मनुष्यों से क्रूरता-मुक्त जीवनशैली अपनाकर और वीगन बनकर जानवरों की पीड़ा को समाप्त करने की अपील की गई. अंत में एक पशु अधिकार घोषणा पत्र पर सभी एक्टिविस्ट ने हस्ताक्षर किए.