रायपुर। उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा और मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने वाले छत्तीसगढ़ के छह सरकारी अस्पतालों को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS – National Quality Assurance Standard) प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया है। प्रदेश के दो अस्पतालों को प्रसव कक्ष और मैटरनिटी ऑपरेशन थियेटर की उत्कृष्ट सुविधाओं तथा प्रसूताओं एवं गर्भवती महिलाओं की अच्छी देखभाल के लिए ‘लक्ष्य’ प्रमाण-पत्र भी प्रदान किया गया है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दो जिला अस्पतालों और छह सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को गुणवत्ता प्रमाण-पत्र से नवाजा है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने समर्पित स्वास्थ्य सेवाओं के लिए उत्कृष्टता प्रमाण-पत्र हासिल करने वाले सभी अस्पतालों के अधिकारियों-कर्मचारियों को बधाई दी है। उन्होंने भरोसा जताया है कि ये अस्पताल आगे भी अपनी उत्कृष्टता बरकरार रखते हुए मरीजों की सेवा करेंगे और प्रदेश के दूसरे अस्पतालों के लिए नए प्रतिमान स्थापित करेंगे। मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ने इस उपलब्धि के लिए स्वास्थ्य विभाग की सचिव निहारिका बारिक सिंह, संचालक स्वास्थ्य सेवाएं नीरज बंसोड़ और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला सहित संबंधित जिलों के मैदानी अधिकारियों को भी बधाई दी है।
भारत सरकार द्वारा बलौदाबाजार जिला चिकित्सालय एवं राजनांदगांव जिले के छुईखदान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन और ‘लक्ष्य’ दोनों प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया है। वहीं महासमुंद जिला चिकित्सालय तथा भानुप्रतापपुर, नगरी और लोरमी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन प्रमाण-पत्र मिला है। स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम द्वारा विगत जनवरी और फरवरी माह में इन अस्पतालों का निरीक्षण कर वहां मरीजों के लिए उपलब्ध सेवाओं की गुणवत्ता का परीक्षण किया था। उन्होंने इस संबंध में मरीजों से भी फीडबैक लिया था। राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन प्रमाण-पत्र प्रदान करने के पूर्व विशेषज्ञों की टीम द्वारा अस्पताल की सेवाओं और संतुष्टि स्तर का आठ मानकों पर परीक्षण किया जाता है। इन कड़े मानकों पर खरा उतरने वाले अस्पतालों को ही केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गुणवत्ता प्रमाण-पत्र जारी किए जाते हैं।