सुप्रिया पांडेय, रायपुर। ट्रेड यूनियन 26 नवंबर को देशव्यापी हड़ताल करने की तैयारी में है. इसी सिलसिले में आज शाम मशाल जुलूस भी निकाली जाएगी. दो दिवसीय इस प्रदर्शन में पूरे प्रदेश के मजदूर व किसान हिस्सा लेंगे. लगभग 10 लाख के आसपास मजदूर, किसान, राज्य सरकार के कर्मचारी, मंत्रालय के कर्मचारी, बैंक, बीमा, कोयला, एनटीपीसी समेत तमाम कर्मचारी इस प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे.

श्रमिक संगठन के महासचीव धर्मराज महापात्रा ने बताया कि मोदी सरकार के किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ कल देशव्यापी हड़ताल होने जा रही है. संसद में विपक्ष की अनुपस्थिति में कृषि बिल पारित कर किसानों को समर्थन मूल्य के अधिकार से वंचित कर कार्पोरेट के हवाले सौंप दिया गया.

रेल, भेल, सेल, बैंक, बीमा, देश के ऐसे कई सार्वजनिक संसाधन है जिनका निर्माण जनता की खून पसीने की कमाई से हुआ है, उसकी नीलामी हो रही है. आजाद भारत के इतिहास में वो सबसे बड़ी हड़ताल है.

27 को किसान प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसमें मजदूर उनका समर्थन कर रहे है.  कल सारे देश में मजदूर हड़ताल करेंगे. किसानों ने तय किया है कि वे दिल्ली में पार्लियामेंट का घेराव करेंगे. आज पूरे प्रदेश में मशाल जुलूस निकाला जाएगा.  26 नवंबर को भारत ने संविधान को स्वीकार किया था. इस हड़ताल के जरिए किसान मजदूर ये कहना चाहते है कि कौन बनाता हिंदुस्तान भारत का मजदूर किसान.

केन्द्र सरकार के खिलाफ ये हड़ताल किया जा रहा है लेकिन राज्य सरकार को भी हम प्रदेश में मजदूर व किसानों से किए गए वादों को याद दिलाना चाहते है कि उन्हें इस मामले में गंभीर होना चाहिए.

प्रदर्शन को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार जब से आई है, लगातार किसानों के हित में निर्णय लिए गए. पूरे देश में ये पहली ऐसी सरकार है जो किसानों से 25 सौ रूपए प्रति क्विंटल में धान खरीदी कर रही है साथ ही अन्य सुविधाएं दे रही है सरकार उनके हित में निर्णय ले रही है.