बिंदेश पात्र, नारायणपुर। नारायणपुर जिले में शामिल करने की मांग को लेकर कांकेर जिले के 58 गांव के ग्रामीण रावघाट मंदिर के पास सप्ताहभर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हुए हैं. सालों से की जा रही मांग के बाद अब अनिश्चितकालीन हड़ताल करने पर भी शासन-प्रशासन के ध्यान नहीं दिए जाने पर ग्रामीणों ने सामूहिक मुंडन कराकर विरोध जताया है.

बता दें कि कांकेर जिले के 58 गांव के लोग वर्ष 2007 में नारायणपुर जिले के गठन के बाद से जिले में शामिल करने के लिए विभिन्न प्रकार से अपनी मांग शासन तक पहुंचाने में लगे हुए है. इनमें कोलर क्षेत्र से भैसगांव, कोलर, तालाबेड़ा, बैंहासालेभाट, फूलपाड़ एंव बण्डापाल क्षेत्र से कोसरोंडा, देवगांव, गवाडी, बण्डापाल, मातला- ब, अर्रा, मुल्ले व करमरी ग्राम पंचायत शामिल है. इन पंचायतों में निवासरत ग्रामीणों को शासकिय कार्य के लिए 150 किमी का सफर तय कर कांकेर जिला मुख्यालय जाना पड़ता है, जबकि इन गांवों से नारायणपुर जिला मुख्यालय की दूरी मात्र 20 किमी है.

यही नहीं कांकेर जिला के 13 ग्राम पंचायत में निवासरत ग्रामीणों का रहन-सहन रिश्तेदारी, बाजार, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाए नारायणपुर जिला मुख्यालय से पूरी होती है. वहीं नारायणपुर जिला चिकित्सालय सहित रामकृष्ण आरोग्य धाम से इन ग्राम पचांयत के ग्रामीणों को चिकित्सा सुविधाए उपलब्ध होती है. इसके अलावा छात्र नारायणपुर के स्वामी आत्मानंद महाविद्यालय से उच्च शिक्षा ग्रहण करते हैं. इस तरह से इन 13 ग्राम पंचायतों में लोगों को नारायणपुर जिले से जन सुविधाएं प्राप्त हो रही है.

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लगातार मांग शासन-प्रशासन के समक्ष रखने के बाद भी कोई सार्थक कदम नहीं उठाए जाने से नाराज ग्रामीणों ने अब अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहे हैं. आंदोलन में शामिल सैकड़ों ग्रामीणों का कहना है कि हमारे पास अब कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है, जब तक शासन हमारी मांगों को पूरा नहीं करता हम धरने पर बैठे रहेंगे.