अमृतसर। पंजाब प्रदेश कांग्रेस (Punjab Congress) के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) को आज सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के साथ करतारपुर साहिब जाने की अनुमति नहीं मिली. अब वे 20 नवंबर को करतारपुर साहिब (Kartarpur Sahib) जाएंगे. सिद्धू के मीडिया सलाहकार सुरिंदर दल्ला ने यह जानकारी दी है. इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) की अगुआई में विधायकों और कैबिनेट मंत्रियों का जत्था आज करतारपुर कॉरिडोर के रास्ते पाकिस्तान पहुंचा, जहां उनका भव्य स्वागत हुआ. वहीं भारत से 28 सिखों का पहला जत्था बुधवार को वीजा-मुक्त कॉरिडोर का इस्तेमाल कर पाकिस्तान में पवित्र गुरुद्वारा करतारपुर साहिब पहुंचा. इसमें महिलाएं भी शामिल थीं.

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सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की जयंती के मद्देनजर दोनों देशों के बीच करतारपुर गलियारा खोला गया है, जिसके दर्शन करने जाने के लिए वीजा की जरूरत नहीं है. कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण यह करीब 20 महीने से बंद था. करतारपुर गलियारा पाकिस्तान में गुरुद्वारा दरबार साहिब को गुरदासपुर जिला स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारा से जोड़ता है. गुरुनानक जयंती पर गुरु पर्व 19 नवंबर को मनाया जाएगा. बता दें कि मार्च 2020 में कोविड -19 का प्रकोप शुरू होने के बाद तीर्थयात्रा को स्थगित कर दिया गया था.

सिखों का पवित्र तीर्थ स्थल है करतारपुर साहिब

करतारपुर साहिब सिखों का पवित्र तीर्थ स्थल है. यह सिखों के प्रथम गुरु, गुरुनानक देव जी का निवास स्थान था और यहीं पर उनका निधन भी हुआ था. 1522 में सिख धर्म के संस्थापक गुरुनानक करतारपुर आए थे. उन्होंने अपनी ज़िंदगी के आखिरी 17-18 साल यही गुजारे थे. 22 सितंबर 1539 को इसी गुरुद्वारे में गुरुनानक जी ने आखिरी सांसें ली थीं, इसलिए इस गुरुद्वारे की काफी मान्यता है.

पाकिस्तान के नारोवाल जिले में स्थित है करतारपुर साहिब

करतारपुर साहिब पाकिस्तान के नारोवाल जिले में स्थित है. यह भारत के पंजाब के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक से 3 से 4 किलोमीटर दूर है और करीब लाहौर से 120 किमी दूर है.

 

करतारपुर साहिब कॉरिडोर क्या है ?

भारत में पंजाब के डेरा बाबा नानक से अंतर्राष्ट्रीय सीमा तक कॉरिडोर का निर्माण किया गया है और वहीं पाकिस्तान भी सीमा से नारोवाल जिले में गुरुद्वारे तक कॉरिडोर का निर्माण हुआ है. इसी को करतारपुर साहिब कॉरिडोर कहा गया है.