देश के सभी राज्यों में नवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है. शारदीय नवरात्रि के दौरान शक्ति के नौ रूपों की उपासना की जाती है. नवरात्रि एकमात्र ऐसा त्यौहार है, जिसे भारत के सभी राज्यों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है. जहाँ उत्तर भारत में नवरात्रि पर रामलीला का भी बेहद महत्व है. वहीं गुजरात में डांडिया और गरबा से माता का स्वागत किया जाता है. बंगाल में मां दुर्गा पूजा को काफी भव्य अंदाज से मनाया जाता है. उत्तर से लेकर दक्षिण, पूर्व से लेकर पश्चिम हर जगह नवरात्रि पर मां की भक्ति में भक्त झूमते नजर आते हैं और मां उन पर इन दिनों विशेष कृपा बरसाती है.

बिहार, असम और पश्चिम बंगाल

पश्चिम बंगाल में नवरात्रि का पर्व बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है. इसे वहां दुर्गा पूजा कहते हैं. इसे वहां का सबसे बड़ा त्योहार भी कहा जाता है. पश्चिम बंगाल में नवरात्रि का पर्व छठे दिन से शुरू होता है जिसे बोधन कहा जाता है. देवी दुर्गा को बेटी के रूप में माना जाता है और इनके आने पर नाच-गाकर खुशियां मनाई जाती हैं. इस दौरान यहां बड़े-बड़े पंडाल सजाए जाते हैं जहां देवी की विशाल मूर्तियां स्थापित की जाती हैं. इन राज्यों में मिट्टी से देवी माँ की प्रतिमा बनाकर उसे छोटे-छोटे पंडाल में स्थापित किया जाता है. आप बंगाल, बिहार और असम में जगह-जगह पर दुर्गा पूजा के दौरान माँ का पंडाल देख सकते हैं. दुर्गा पूजा के आखिरी दिन जौ पूरी तरह से छोटे-छोटे पौधों में परिवर्तित हो जाता है. इसे पूजा के आखिरी दिन काट कर देवी माँ की चरणों में चढ़ाया जाता है. Read More – एक्ट्रेस जैस्मिन भसीन की तबियत हुई खराब, पेट में इंफेक्शन के कारण अस्पताल में हुई भर्ती …

गुजरात

गुजरात में नवरात्रि के नौ दिनों में अलग ही छटा नजर आती है. रात के वक़्त विशेष रूप से लोग समूह में इक्कठा होकर देवी माँ की उपासना करते हैं और उसके बाद डांडिया और गरबा खेलते हुए त्यौहार का आनंद लेते हैं. इसे डांडिया रास भी कहते हैं. इन 9 दिनों तक गुजरात में रात में भी दिन जैसी रौनक देखने को मिलती है. परंपरागत वेशभूषा में जब हजारों लोग एक जैसे गरबा रास करते हैं तो ये दृश्य बहुत सुंदर दिखाई देता है.

आंध्रप्रदेश

नवरात्रि पर्व बतुकम्मा के रूप में मनाया जाता है. बतुकम्मा का अर्थ है माँ देवी जीवित हैं. ये त्योहार नौ दिनों तक बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. इस दौरान फूलों से सात सतह से गोपुरम मंदिर की आकृति बनाई जाती है. बतुकम्मा को महागौरी के रूप में पूजा जाता है. मुख्य रूप से ये पर्व देवी पार्वती को अच्छी फसल के लिए धन्यवाद देने के लिए मनाया जाता था.

तमिलनाडु

नवरात्रि का पर्व बोमई गोलू या नवरात्रि गोलू के नाम से मनाया जाता है. इस दौरान यहां परंपरागत गुड़ियां दिखने लगती हैं. इन गुड़ियां को 7, 9 या 11 के ऑड नंबर में लगाया जाता है. नवरात्रि के दौरान इन गुड़ियाओं की झांकी सजाई जाती है. लोग अपने घरों में दिए जलाते हैं और भजन भी गाते हैं. माना जाता है कि ये परंपरा महाभारत काल से चली आ रही है.

महाराष्ट्र

नवरात्रि का पर्व बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है. यहां गरबा नृत्य का आयोजन किया जाता है और देवी को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा की जाती है. नवरात्रि के दौरान महाराष्ट्र में महिलाएं सुहागिन महिलाओं को घर बुलाकर उन्हें सुहाग की चीज़ें जिसे सिन्दूर, बिंदी, कुमकुम आदि से सजाती हैं. यह नई चीजों को खरीदने के साथ किसी भी नया कारोबार की शुरुआत नवरात्रि में की जाती है. Read more – Shehnaaz Gill की बिगड़ी हालत, अचानक अस्पताल में हुई भर्ती …

केरल

पर्व अंतिम 3 दिनों तक ही मनाया जाता है. इस दौरान यहां लोग देवी सरस्वती की पूजा करते हैं और और देवी के चरणों में अपनी किताबें, पेन, पेंसिल आदि चीजें रखते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से देवी सरस्वती कृपा उन पर बनी रहेगी और उन्हें ज्ञान और सद्बुद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होगा.

हिमाचल प्रदेश

इस पार्वती राज्य में मां सती के अनेक शक्ति पीठ है. नवरात्रि का त्यौहार अनोखे तरीके से मनाया जाता है. दशमी तिथि पर कुल्लू दशहरा की शुरुआत होती है इसके साथ ही मां दुर्गा की प्रतिमा को सभी स्थानों पर घुमाया जाता है.

पंजाब

नवरात्रि के शुरू दिन से ही मां दुर्गा का जगराता किया जाता है. यहां भक्त रात्रि जागरण कर मां के गीतों पर भक्त झूलते हैं. यहां 7 दिनों तक नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है आठवें दिन मां की पूजा कर कन्याओं को भोजन कर के अपना व्रत खोलते हैं.