सुप्रिया पांडेय, रायपुर। शारदीय नवरात्रि की शुरुआत गुरुवार से हो गई है. देवी मंदिरों में ज्योति कलश का प्रज्जवलन किया गया है. वहीं भक्तों को कोरोना गाइडलाइन का पालन कराते हुए दर्शन कराए जा रहे हैं.
राजधानी रायपुर के पुरानी बस्ती स्थित मां महामाया मंदिर में भी ज्योति कलश का प्रज्जवलन किया गया है. जानकारों के अनुसार, 1400 साल पुराने इस मंदिर में आज भी ज्योत प्रज्जवल के लिए प्राचीन परम्पराओं का पालन करते हुये माचिस की तीली की जगह चकमक पत्थरों की रगड़ से पैदा होने वाली आग से ज्योत जलाई जाती है.
छत्तीसगढ़ का प्राचीन महामाया मंदिर बेहद ही चमत्कारिक मंदिर माना जाता है. तांत्रिक पद्धति से बने इस मंदिर में माता के दर्शन करने के लिए देश ही नहीं विदेशों से भी भक्त पहुंचते हैं. इस मंदिर की ऐसी मान्यता है कि यहां सच्चे मन से मांगी गई मन्नत पूरी हो जाती है.
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महामाया मंदिर के पुजारी पंडित मनोज शुक्ला ने कहा कि इस बार भक्तों को मंदिर के दर्शन कराए जा रहे हैं. कोरोना के मामलों में कमी आने की वजह से जिला प्रशासन की ओर से राहत दी गई है, जिससे त्योहारों पर मंदिर में रौनक लौट आई है. वहीं नवरात्रि इस बार रायपुर में 62 पंडालों में मां दुर्गा की प्रतिमा विराजमान होंगी. इस बार बड़े आयोजन नहीं होंगे, लेकिन सादगी से मां दुर्गा के पूजा की अनुमति मिली है.
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