Navratri Tips : नवरात्रि के नौ दिनों में लहसून और प्याज खाना वर्जित माना गया है, क्योंकि इसे तामसिक भोज के पदार्थ में माना जाता है. शास्त्रों के अनुसार इसे खाने से व्यक्ति के जीवन में अज्ञानता और वासना में वृद्धि होती है और उसका मन भटकता है. साथ ही छल-कपट की स्थिति पैदा होने लग जाती है. आज हम आपको बताएंगे कि नवरात्रि के 9 दिनों में लहसुन-प्याज खाना वर्जित क्यों माना गया है.

जानें भगवान को लहसून और प्याज क्यों नहीं लगाया जाता है भोग

पौराणिक कथा के अनुसार लहसून और प्याज के पीछे एक प्रचलित कथा है. कथा के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि स्वरभानु नाम का एक दैत्य था. जिसने समुद्र मंथन के बाद सभी देवताओं के बीच बैठकर अमृत पान कर लिया था. जब ये बात मोहिनी रूप धारण किए हुए भगवान विष्णु को पता चली, तो उन्होंने अपने सुदर्शन चक्र से स्वरभानु का सिर धड़ से अलग कर दिया.तभी से स्वरभानु के सिर और धड़ को राहु और केतु कहा जाता है. ऐसा कहा जाता है कि सिर काटने के बाद स्वरभानु के सिर और धड़ से खून की बूंद धरती पर गिरी. जिससे लहसून और प्याज की उत्पत्ति हुई, हालांकि रोग-दोष को दूर करने के लिए ये दोनों बेहद कारगर साबित होते हैं. परंतु इनकी उत्पत्ति राक्षस के मुंह से हुई है. इसलिए इसे बेहद अपवित्र माना गया है. इसी कारण भगवान की पूजा में लहसून और प्याज का भोग नहीं लगाया जाता है.

लहसून और प्याज करता है सकारात्मक ऊर्जा को प्रभावित

ऐसा कहा जाता है कि लहसून और प्याज खाने से सकारात्मक ऊर्जा प्रभावित होता है. इसलिए इसे खाने से बचना चाहिए.

तामसी प्रवृत्ति का

सच में लहसुन-प्याज तामसी प्रवृत्ति में आता है. यह अशुद्ध श्रेणी में आता है. इसके सेवन से तामसी क्रिया बढ़ती है. यह वासना को बढ़ाता है. इसलिए व्रत के दौरान इसका सेवन वर्जित माना जाता है.

माना जाता है अशुभ (Navratri Tips)

लहसून और प्याज जमीन के नीचे उगते हैं, इनकी साफ-सफाई में कई जीवों की मृत्यु हो जाती है. इसलिए व्रत और शुभ कार्य में लहसून और प्याज को बहुत़ अशुभ माना गया है.

दिमाग अशुद्ध होता है

पूजा करते समय मन शुद्ध होना चाहिए. इसलिए सात्विक आहार का सेवन किया जाता है. इससे आप शुद्ध और प्रसन्नचित्त मन से ईश्वर की आराधना करें. लेकिन प्याज और लहसुन खाने से आपका दिमाग अशुद्ध हो जाता है.

मन बेचैन रहता है

पवित्रता बनाए रखने के लिए नवरात्रि में लहसुन-प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए. इसका सेवन करने से मन बेचैन हो जाता है. यही कारण है कि व्यक्ति सुख और विलासिता की ओर आकर्षित होता है. इसलिए व्रत के दौरान कभी भी लहसुन-प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए.

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