इस्‍लामाबाद (एबीपी न्यूज)। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पानामागेट में प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ को दोषी करार दिया है. इसके साथ ही उन्हें प्रधानमंत्री के पद से हटा दिया है. सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच ने नवाज शरीफ को पनामा केस में दोषी करार दिया. सभी जजों ने नवाज़ शरीफ के खिलाफ फैसला सुनाया.

सुप्रीम कोर्ट ने नवाज़ शरीफ के अलावा वित्त मंत्री इसहाक डार, बेटी मरियम नवाज़, हसन नवाज़, हुसैन नवाज़ और कैप्टन सफदर को जांच में शामिल करने और NAB को उनके खिलाफ रेफरेंस भेजने का आदेश दिया है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने नवाज़ शरीफ और उनके परिवार के खिलाफ केस दर्ज करने का भी आदेश दिया.

शरीफ के परिवार विदेशों में कालाधन अर्जित करने का दोष साबित हुआ है. नवाज़ के कालेधन के खिलाफ संयुक्त जांच दल (जेआईटी) ने जांच की थी और अपनी रिपोर्ट में नवाज़ शरीफ के परिवार के खिलाफ आरोप को सही पाया था.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि प्रधानमंत्री ने संसद से बेईमानी की है और अदालत ये समझता है कि वो अब अपने पद पर बन रहे के लायक नहीं हैं.

नवाज़ के भाई बच निकले 

हालांकि, नवाज़ के भाई शाहबाज़ शरीफ़ इस सारे मामले में साफ़ तौर पर बच निकले हैं. हालांकि इस बारे में खुलकर बात तो नहीं हो रही लेकिन इस तथ्य की दबी गूंज इस्लामाबाद के प्राइम मिनिस्टर हाउस में आजकल अक्सर सुनाई दे जाती है.

इस बात से आम लोगों को शायद हैरानी हो लेकिन मुस्लिम लीग में ये आम धारणा है कि शाहबाज़ शरीफ़ का पाकिस्तानी सत्तातंत्र के साथ अपने बड़े भाई की तुलना में बेहतर संबंध है. मुस्लिम लीग के नेताओं में ये बात चर्चा-ए-आम है कि परवेज़ मुशर्रफ़ ने शाहबाज़ शरीफ़ को प्रधानमंत्री बनाने की पेशकश की थी, उसके बाद राहील शरीफ़ से भी उनकी ‘बातचीत’ चलती रही और अब जनरल क़मर जावेद बाजवा भी उनके सीधे संपर्क में हैं.