शिवम मिश्रा, रायपुर। छत्तीसगढ़–आंध्रप्रदेश सीमा पर मारेदुमिल्ली क्षेत्र में हुई बड़ी नक्सली मुठभेड़ के बाद प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकार और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बड़ा बयान दिया है। कुख्यात नक्सली कमांडर माडवी हिडमा समेत 6 नक्सलियों के ढेर होने पर बघेल ने जवानों की सराहना की, लेकिन साथ ही प्रदेश सरकार की नीतियों पर तीखा हमला भी बोला।

“हिड़मा का मारा जाना नक्सलियों की कमर तोड़ने वाली बात” — भूपेश बघेल

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हिड़मा जैसे खूंखार नक्सली का मारा जाना सुरक्षा बलों के मनोबल को बढ़ाने वाली बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा- “हिड़मा का मारा जाना नक्सलियों की कमर तोड़ने वाली बात है। जवानों को यह बड़ी सफलता मिली है और यह नक्सलियों के लिए भारी नुकसान है।”

लेकिन इसके साथ ही उन्होंने मौजूदा सरकार पर आरोप लगाया कि उसने आदिवासी विकास की नीतियों को कमजोर कर दिया है।

“आदिवासियों को रोजगार देना हमारी नीति थी, अब वह लागू नहीं हो पा रही”

भूपेश बघेल ने कहा कि उनकी सरकार में आदिवासियों को रोजगार देना और बस्तर सहित पूरे आदिवासी अंचल का विकास प्राथमिकता थी। लेकिन उनके अनुसार, वर्तमान सरकार उस रास्ते पर चलने में विफल रही है। उन्होंने कहा- “हमारी नीति आदिवासियों को रोजगार देना और उनके विकास को आगे बढ़ाना रही है। लेकिन अब वह नहीं हो पा रहा, यह इस सरकार की विफलता है।”

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विधानसभा के विशेष सत्र को लेकर कही ये बात

बघेल ने विशेष सत्र को लेकर भी कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि यह पुराने विधानसभा भवन का आखिरी सत्र था, लेकिन इसके बावजूद महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा नहीं हो सकी। उन्होंने कहा- “हमने छत्तीसगढ़ यात्रा पर चर्चा की, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों पर बात नहीं हुई। धान खरीदी हो या बस्तर में जमीन कब्जे की घटना, इन मुद्दों पर चर्चा की जरूरत थी, लेकिन सरकार ने उनसे दूरी बनाई। अब इन मुद्दों को हम नए विधानसभा भवन में मजबूती से उठाएंगे।”

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