जगदलपुर। एक बार फिर नक्सलियों की नापाक करतूतों का खुलासा हुआ है. दरअसल नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले के तराई इलाकों में नक्सली भोले-भाले ग्रामीणों को IED बनाने की ट्रेनिंग दे रहे हैं.
सूत्रों से खबर मिल रही है कि दंतेवाड़ा और बीजापुर के गांवों में युवक-युवतियों की भर्ती कर नक्सली IED बनाने का प्रशिक्षण दे रहे हैं. वहीं खबर है कि कई नाबालिग लड़के-लड़कियों को भी ऐसी ट्रेनिंग दी जा रही है. इसके लिए स्थानीय भाषा में नक्सली पाठ्यक्रम भी चला रहे हैं.
नक्सली बस्तर संभाग में बोली जाने वाली गोंडी भाषा में बम बनाने के तरीके बता रहे हैं. हालांकि ऐसी सूचना मिलने पर पुलिस सतर्क हो गई है और सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
गौरतलब है कि नक्सली IED का इस्तेमाल वारदातों को अंजाम देने के लिए करते रहे हैं. IED ब्लास्ट में जिला पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बल के कई जवान शहीद भी हो चुके हैं.
माओवादी प्रशिक्षण की बात पूरी तरह से अफवाहः पी सुंदरराज
बस्तर रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक पी सुंदरराज ने ग्रामीणों को IED का प्रशिक्षण नक्सलियों द्वारा देने की बात को अफवाह करार दिया है. उन्होंने कहा कि समय-समय पर एंटी नक्सल ऑपरेशन चलाने के दौरान भी ऐसी जानकारियों मिलती हैं कि नक्सली अपने कैडरों को इस तरह से प्रशिक्षित कर रहे हैं, लेकिन बीजापुर जिले में ऐसे ट्रेनिंग कैंप की जानकारी फिलहाल पुलिस के पास नहीं है.
पी सुंदरराज ने कहा कि कई बार नक्सली साहित्य में भी ग्रामीणों को IED बनाने के प्रशिक्षण की बात लिखी मिली है, लेकिन वो बाद में गलत साबित हुई है. उन्होंने कहा कि करीब 2 महीने पहले नक्सलियों के ट्रेनिंग कैंप में जब फोर्स ने धावा बोला था, तो उस दौरान तीर-धनुष, बम और पाइप बम बरामद हुए थे.