मनोज यादव, कोरबा। एक तरफ प्रदेश के राजस्व न्यायालयों में भ्रष्टाचार की बात कहते हुए अधिवक्ता आंदोलनरत हैं, वहीं दूसरी ओर कोरबा में पदस्थ नायब तहसीलदार ने ऐसा काम किया है, जिससे न केवल बुजुर्ग महिला हितग्राही की दिल भर आया, बल्कि उसकी चर्चा प्रदेश में हो रही है.

जानकारी के अनुसार, कोविड वैक्सीनेशन के महा अभियान के दौरान अपने क्षेत्र के भ्रमण पर निकले नायब तहसीलदार विभोर यादव को ग्राम महाराजपुर में एक बुजुर्ग महिला मिली थी, जिसने ऋण पुस्तिका गुम जाने पर नई पुस्तिका बनाने के लिए दो साल से भटकने की बात कही. अपनी उम्र एवं परिस्थितियों का हवाला देते हुए उन्होंने नायब तहसीलदार से मदद की गुहार लगाई. इस पर उन्होंने जल्दी ही द्वितीय ऋण पुस्तिका दिलाने का आश्वासन भी दिया था. लेकिन ये अलग किस्म के नायब तहसीलदार निकले. प्रकरण दर्ज करके सुनवाई करते हुए निपटारा कर कुछ दिन बाद नायब तहसीलदार ने पंचायत प्रतिनिधियों के बीच उन्हें ऋण पुस्तिका दिया.

दो साल तक ठोकरें खाने के बाद अचानक हाथ में ऋण पुस्तिका आने से बुजुर्ग यकीन नहीं कर पाई. थोड़ी देर बाद जब अहसास हुआ तो महिला भावुक हो गईं. उन्होंने कहा साहब मैं कोर्ट-कचहरी जाकर  थक गई थी, आपने इतना जल्दी काम कर दिया. आपको मिठाई खिलाये बिना नहीं जाने दूंगी, और पोटली से 100 का नोट निकालने लगी. लेकिन साहब भी कम न थे उन्होंने कहा कि यही ₹100 बचाने के लिए ही तो मैंने आपके घर आकर आपको यह ऋण पुस्तिका दिया है. मिठाई खिलाकर उसको खर्च कर दोगे तो फिर मेरे यहां आने का कोई मतलब नहीं रह जाएगा. इस तरह बुजुर्ग महिला को प्रणाम कर वापस अपने काम पर चले गए.

इसे भी पढ़ें : अवैध संबंधों का जाल, पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर मिटाया अपने हाथों से अपनी मांग का सिंदूर…

नायब तहसीलदार विभोर यादव ने पूछने पर बताया गया कि कलेक्टर के निर्देशन में राजस्व प्रकरणों की त्वरित सुनवाई की जा रही है. आगामी दिनों में गांव गांव में जाकर कैंप भी लगाया जाएगा. नामांतरण, बंटवारा व सीमांकन जैसे लंबित प्रकरण की जल्दी सुनवाई होगी.

Read more : Naxal Operation Continues; 1 Female Maoist Brought Down