लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मदरसों में अब राज्य सरकार ने NCERT की किताबें शामिल करने की मंजूरी दे दी है. आलिया स्तर के मदरसों में ये किताबें शामिल की जाएंगी. अब कुरान के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा भी यहां के छात्रों को दी जाएगी. उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने इसकी जानकारी दी.
आपको बता दें कि आलिया स्तर का मदरसा उसे कहते हैं, जिसमें हाईस्कूल की पढ़ाई होती है. वहीं उच्च आलिया स्तर हाईस्कूल से ऊपर की पढ़ाई होती है. पहले सिर्फ तैतानिया यानि जहां कक्षा 1 से 5 बजे तक की पढ़ाई होती है, वहीं फौकानिया यानि जहां पांचवीं से आठवीं क्लास तक की पढ़ाई होती है, वहीं ये विषय पहले पढ़ाए जाते थे.
अब सरकार से मंजूरी मिलने के बाद मदरसा बोर्ड आलिया और उच्च आलिया के मदरसों में भी गणित और विज्ञान जैसे विषयों को जरूरी करेगा. अभी वर्तमान में तैतानिया और फौकानिया में ही हिंदी, अंग्रेजी, गणित शामिल हैं, जबकि मुंशी, मौलवी, आलिम और कामिल में विज्ञान, मैथ्स, हिस्ट्री, ज्योग्राफी ऑप्शनल सब्जेक्ट के तौर पर पढ़ाए जाते हैं.
दरअसल राज्य सरकार मदरसों में पढ़ रहे छात्रों को बेहतर शिक्षा मुहैया कराना चाहती है. बता दें कि मदरसा शिक्षा परिषद ने madarsaboard.upsdc.gov.in वेबसाइट भी बनाई हुई है. सभी मदरसों को 15 अक्टूबर तक अपनी जानकारी वेबसाइट पर देनी थी, लेकिन अब तक करीब 16 हजार मदरसों ने ही जानकारी दी है. ऐसे में जिन मदरसों ने जानकारी उपलब्ध नहीं कराई है, उनकी मान्यता रद्द की जा सकती है और ऐसे मदरसों की संख्या ढाई हजार से ज्यादा है.
फर्जीवाड़े और अनियमितता को रोकने के लिए मदरसों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का फैसला लिया गया था. रजिस्टर्ड मदरसों को ही सरकारी अनुदान और अन्य फायदे मिलेंगे. यहां तक कि यहां के टीचर्स को वेतन भी ऑनलाइन माध्यमों से ही दिया जाएगा.