नई दिल्ली. राज्यसभा के उपसभापति पद के लिए हुई वोटिंग में एनडीए के हरिवंश नारायण सिंह उपसभापति पद के लिए चुने गए. पहले वोटिंग के दौरान कुल 206 वोट पड़े. जिसमें एनडीए के हरिवंश के पक्ष में 115 वोट पड़े. इस दौरान 2 सदस्‍य अनुपस्थित रहे. लेकिन विपक्ष के कुछ सदस्‍यों की तरफ से आपत्ति आने के बाद उन्‍हें स्लिप के जरिये वोट डालने दिया गया. इसके बाद दोबारा हुई वोटिंग में कुल 222 वोट पड़े. इनमें एनडीए के हरिवंश को 125, जबकि यूपीए के बीके हरिप्रसाद को 105 वोट मिले. इसके बाद एनडीए के हरिवंश को उपसभापति पद के लिए चुने जाने की घोषणा सभापति द्वारा की गई.

हरिवंश की जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी. उन्‍होंने कहा कि मैं पूरे सदन की अोर से हरिवंश जी को बधाई देता हूं. उन्‍हें लेखन की प्रतिभा का आर्शीवाद मिला है. वह पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की के पसंदीदा भी थे.

आंकड़ों के हिसाब से राज्यसभा सांसद हरिवंश नारायण की जीत पहले से ही तय मानी जा रही थी, क्योंकि सदन में बीजेपी 126 सदस्यों के समर्थन का दावा कर रही थी. बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हम हारी हुई बाजी नहीं खेलते. हमारे पास बहुमत का आंकड़ा है. हमारी जीत तय है. वहीं बीमारी के बाद पहली बार अरुण जेटली राज्‍यसभा में उपस्थित हैं. 26 साल बाद उपसभापति पद के लिए चुनाव हुआ. उच्‍च सदन की कार्यवाही शुरू होते ही उप राष्‍ट्रपति और राज्‍यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि दलगत राजनीति से ऊपर उठकर वोट करें.

बीजेपी ने पास कितने वोट

सदन में वोटिंग से पहले ही बीजेपी ने दावा किया कि पार्टी के पास 126 सदस्यों का समर्थन है. इसमें एनडीए के 91, अन्नाद्रमुक (13), टीआरएस (06), वाईएसआर कांग्रेस (02), इनेलोद (01), बीजेडी (09) सदस्य शामिल हैं. इसके अलावा अमर सिंह ने भी एनडीए उम्मीदवार को समर्थन देने का ऐलान किया है. वहींं आम आदमी पार्टी, पीडीपी और वाईएसआई ने वोटिंग का बहिष्‍कार करने का ऐलान किया था.

कांग्रेस ने भी किया था जीत का दावा

एक तरफ बीजेपी ने 126 सदस्यों के साथ होने का दावा किया, तो दूसरी तरफ कांग्रेस ने 111 सदस्यों के समर्थन की बात कही थी. कांग्रेस के 61 सदस्यों के अलावा, उसे तृणमूल कांग्रेस और सपा के 13-13 सदस्यों, तेदेपा के छह, माकपा के पांच, बसपा और द्रमुक के चार चार सदस्यों, भाकपा के दो और जद एस के एक सदस्य का समर्थन मिलने की उम्मीद थी. मतदान की प्रक्रिया से पहले कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने जीत का दावा करते हुए कहा कि अगर बीजेपी ने पास पर्याप्त संख्या होती तो वह अपना उम्मीदवार उतारती ना कि किसी अन्य दल के नेता को चेहरा बनाती.

कौन हैं हरिवंश…

हरिवंज नारायण सिंह का जन्म 30 जून 1956 को दलजीत टोला सिताबदियारा में हुआ. हरिवंश ने अपनी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक शिक्षा गांव के सटे टोला काशी राय स्थित स्कूल से शुरू की. उसके बाद, जेपी इंटर कालेज सेवाश्रम (जयप्रकाशनगर) से 1971 में हाईस्कूल पास करने के बाद वे वाराणसी पहुंचे. वहां यूपी कॉलेज से इंटरमीडिएट और उसके बाद काशी हिंदू विश्वविद्यालय से स्नातक किया और पत्रकारिता में डिप्लोमा की डिग्री हासिल की.

अप्रैल 2014 में उन्हें राज्यसभा के लिए बिहार से चुना गया. उनका कार्यकाल अप्रैल 2020 में पूरा होगा. हरिवंश को जयप्रकाश नारायण (जेपी) ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में डिप्लोमा के दौरान ही वर्ष 1977-78 में टाइम्स ऑफ इंडिया समूह मुंबई में प्रशिक्षु पत्रकार के रूप में उनका चयन हुआ.

इसके बाद वे टाइम्स समूह की साप्ताहिक पत्रिका धर्मयुग में 1981 तक उप संपादक रहे. 1981-84 तक हैदराबाद एवं पटना में बैंक ऑफ इंडिया में नौकरी की और वर्ष 1984 में इन्होंने पत्रकारिता में वापसी की और 1989 अक्तूबर तक आनंद बाजार पत्रिका समूह से प्रकाशित रविवार साप्ताहिक पत्रिका में सहायक संपादक रहे.