कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। ग्वालियर-चम्बल अंचल के सबसे बड़े अस्पताल जयारोग्य चिकित्सालय समूह में चिकित्सकों की फिर बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां दो विभागों के बीच गंभीर मरीज इलाज के लिए भटकता रहा। अस्पताल परिसर में 6 घंटे तक स्ट्रेचर पर पड़ा मरीज जिंदगी और मौत के बीच जूझता रहा, जबकि उसे तत्काल इलाज की जरूरत थी। हालांकि कलेक्टर के संज्ञान के बाद मरीज को इलाज मिल सका।

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दरअसल, गोहद निवासी मरीज किशन गोयल के फेफड़ों में पानी भर गया था। परिजन पहले उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां पर डॉक्टर ने मरीज के फेफड़ों में ट्यूब डाल दी, लेकिन इलाज के लिए और अधिक रुपए ना होने के चलते परिजन मरीज को जेएएच की कैजुअल्टी लेकर पहुंचे, जहां से मरीज को सर्जरी विभाग के लिए रेफर कर दिया गया, लेकिन सर्जरी के डॉक्टरों ने मरीज को माधव डिस्पेंसरी और सर्जरी विभाग के तीन चक्कर कटवाए। फिर भी इलाज शुरू नहीं किया। इतना ही नहीं परिजनों को बताया गया कि डॉक्टर ऑपरेशन में बिजी हैं उनके आने के बाद ही भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इस दौरान मरीज 6 घंटे तक सर्जरी विभाग की गैलरी में ही पड़ा रहा।

इधर, मरीज की परेशानी देख वहां मौजूद किसी व्यक्ति ने उसका एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। वीडियो वायरल होने के बाद कलेक्टर ने संज्ञान लेते हुए तत्काल सीएमएचओ को जेएएच भेजकर मरीज को भर्ती कराते हुए इलाज शुरू कराया गया। बता दें कि जयारोग्य अस्पताल में इलाज का लाभ लेने के लिए ग्वालियर-अंचल के अलावा उत्तर प्रदेश और राजस्थान से भी बड़ी संख्या में मरीज आते हैं। ऐसे में अंचल के सबसे बड़े अस्पताल में सिस्टम की लापरवाही के इस मामले ने मजबूत व्यवस्थाओं और बेहतर इलाज की सुविधा के दावे की पोल खोली है।

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