सत्या राजपूत, रायपुर। न घर के रहे न घाट के ये कहावत बहुत पुरानी है लेकिन ये कहावत छत्तीसगढ़ में चरितार्थ होते दिख रही है. दरअसल हुआ यूं कि विधानसभा चुनाव 2023 (CG Assembly Election 2023) में एक शिक्षक (Teacher) ने अपने नौकरी से इस्तीफा देकर चुनाव लड़ने के लिए नामांकन पत्र भरा था लेकिन वह निरस्त हो गया. जिससे चुनाव लड़ने का सपना अधूरा रह गया साथ ही शिक्षक को नौकरी से भी हाथ धोना पड़ गया. यह पूरा मामला बलौदाबाजार जिले का है.
जानिए क्यों चुनाव लड़ने से शिक्षक हुआ वंचित
शिक्षक खेमराज साहू ने नौकरी से इस्तीफा देकर चुनाव के लिए भाटापारा विधानसभा से नामांकन भरा था. प्रत्याशी खेमराज साहू का नामांकन जांच में पूर्ण दस्तावेज नहीं होने की वजह से फॉर्म निरस्त हो गया. जिससे उनके चुनाव लड़ने के सपना अधूरा रह गया. वहीं खेमराज आज मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय रायपुर शिकायत करने पहुंचे और शिक्षा विभाग पर आरोप लगाया कि समय पर शिक्षा विभाग ने प्रमाण पत्र नहीं जिसकी वजह से नामांकन रद्द हुआ है.
भाटापारा विधानसभा से नामांकन भरने वाले प्रत्याशी खेमराज साहू ने बताया कि मैं अपनी शिक्षक पद से 23-10-23 को इस्तीफा दिया था. जान बूझकर प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने में देरी की गई है. मैं कई बार अधिकारियों के पास गया,मुझे झूठा आश्वासन दिया गया. मैं अपनी ओर से सारा दस्तावेज प्रस्तुत किया लेकिन विभाग द्वारा जो दस्तावेज देना था वो नहीं दिया गया. रिटर्निंग ऑफिसर ने यही तर्क देते हुए मेरा नामांकन खरिज किया है. उन्होंने बताया कि इसकी शिकायत मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से किया हूं. मेरी मांग है कि मेरा नामांकन को वैलिड किया जाए और लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई की जाए.
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