NEP 2020 Odisha Seminar: भुवनेश्वर. ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने पुरी स्थित केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 पर आयोजित एक राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित किया.

उन्होंने कहा कि एनईपी 2020 का उद्देश्य भारतीय विचारों को आधुनिक शिक्षा के साथ जोड़कर भारत को एक वैश्विक ज्ञान शक्ति बनाना है.

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NEP 2020 Odisha Seminar
NEP 2020 Odisha Seminar

माझी ने कहा कि एनईपी 2020, 21वीं सदी की पहली शिक्षा नीति है, जिसे देश की विकासात्मक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है. उन्होंने भारतीय ज्ञान प्रणालियों को नए शैक्षिक युग की नींव बताते हुए इसके महत्व पर जोर दिया. साथ ही युवाओं से भारत की सांस्कृतिक विरासत और बौद्धिक परंपराओं से जुड़ने का आह्वान किया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल साक्षरता और गणना तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि विश्लेषणात्मक सोच और नैतिक मूल्यों को भी प्रोत्साहित करना चाहिए. उन्होंने भारतीय लोकाचार को संरक्षित रखते हुए सतत विकास लक्ष्य 4 के अनुरूप शिक्षा व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता बताई.

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माझी ने कहा कि ओडिशा को भारतीय शिक्षा और संस्कृति को बढ़ावा देने में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए. उन्होंने कौटिल्य के अर्थशास्त्र का हवाला देते हुए कहा, “जनता का कल्याण ही शासक का सच्चा आनंद है.” उन्होंने संवैधानिक मूल्यों और देशभक्ति के माध्यम से जिम्मेदार नागरिक तैयार करने की आवश्यकता पर भी ज़ोर दिया.

इस संगोष्ठी में डॉ. अतुल कोठारी और डॉ. पंकज मित्तल जैसे प्रमुख शिक्षाविदों ने भी शिक्षा में भारतीय मूल्यों को समाहित करने की आवश्यकता पर बल दिया. चर्चाएँ पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक शिक्षण पद्धतियों के साथ जोड़ने पर केंद्रित रहीं.

NEP 2020 Odisha Seminar. तीन दिवसीय इस कार्यक्रम में “शिक्षा और भारतीय मूल्य”, “भारतीय ज्ञान प्रणालियाँ और आधुनिक शिक्षा” तथा “एनईपी 2020 की नींव” जैसे विषयों पर चर्चा की गई.

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