भारत सरकार की ओर से नई विदेश व्यापार नीति 2023-28 लॉन्च कर दी गई है. इस पॉलिसी का इंतजार भारत में लंबे समय से किया जा रहा था, क्योंकि कोरोना के कारण इसे आने में करीब तीन साल की देरी हो गई है. केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने विदेश व्यापार नीति 2023-28 को लॉन्च किया. इस पॉलिसी का लक्ष्य भारत के निर्यात को 2030 तक दो ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाना है.केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल ने बताया कि इस साल 760 बिलियन डॉलर से ज्यादा का निर्यात हो सकता है.
नई नीति के तहत रुपये को ग्लोबल ट्रेड में मंजूरी दिलाने का लक्ष्य भी शामिल किया गया है. हमारा मकसद भारतीय करेंसी को बॉस बनाना है. कोरोनाकाल की वजह से नई विदेश व्यापार नीति को लागू करने में 3 साल की देरी हुई है. इसे 15 साल के लिए बनाया गया है, लेकिन बीच-बीच में इसकी समीक्षा भी की जाएगी और जरूरी सुधार लागू होंगे.
इन चीजों पर रहेगा फोकस
सरकार की इस FTA यानि फॉरन ट्रेड पॉलिसी के जरिए निर्यात बढ़ाने और आयात घटाने पर फोकस किया जायेगा.
इसके अलावा इस बात पर भी फोकस रहेगा कि ज्यादा से ज्यादा इंटरनेशनल ट्रेड डॉलर के बजाय इंडियन रुपये में किया जाए.
सरकार की फॉरन ट्रेड पॉलिसी में मर्चेंट्स ट्रेड को भी शामिल किया जाएगा. जिसके तहत इंडियन प्रोडक्ट्स को इंटरनेशनल मार्केट में उनकी प्रेजेंस को बढ़ाया जायेगा.इस बार सरकार पॉलिसी में ई-कॉमर्स के जरिए एक्सपोर्ट पर भी जोर दे रही है.
इस पॉलिसी के तहत देश में माल और सेवाओं के एक्सपोर्ट में बढ़ोतरी, नौकरियों के अवसर बढ़ाना, देश को आत्मनिर्भर बनाने पर फोकस किया जा रहा है.
नई फॉरन ट्रेड पॉलिसी में 39 Towns of Export Excellence (TEE) के तहत इनमें चार नए शहरों को जोड़ा गया है. जिसमे फरीदाबाद, मुरादाबाद, मिर्जापुर और वाराणसी शामिल हैं.
वित्तवर्ष 2021-22 में देश का फार्म एक्सपोर्ट बढ़कर 25 अरब डॉलर पहुंच गया, जबकि इस दौरान वस्तुओं का निर्यात 422 अरब डॉलर और सेवा निर्यात 254 अरब डॉलर का रहा है. चालू वित्तवर्ष में भारत की विकास दर भी 7 फीसदी के आसपास रहने का अनुमान है.
यह है नई विदेश व्यापार नीति में खास
पिछली पंचवर्षीय विदेशी व्यापार नीति की तरह इसके समाप्त होने की तिथि तय नहीं है. डीजीएफटी की ओर से इसे लेकर कहा गया है कि जब भी जरूरत होगी, इसमें बदलाव किए जाएंगे. पिछली विदेश व्यापार नीति 1 अप्रैल, 2015 को लागू की गई थी और इसके समाप्त होने की तिथि 2020 थी, लेकिन कोरोना वायरस आने के कारण सितंबर 2022 में इसे 31 मार्च, 2023 तक बढ़ा दिया गया.
नई विदेशी व्यापार नीति में बताया गया है कि ई-कॉमर्स निर्यात 2030 तक 200 से लेकर 300 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है. साथ ही इस दौरान कूरियर सेवा के माध्यम से होने वाला निर्यात 5 लाख रुपये से बढ़कर 10 लाख रुपये प्रति खेप हो सकता है.
डीजीएफटी ने आगे कहा कि नई विदेश व्यापार नीति 2023 उभरते व्यापार परिदृश्य के लिए गतिशील और उत्तरदायी है. कॉमर्स विभाग को ‘फ्यूचर रेडी’ बनाने के लिए पुनर्गठित किया जा रहा है.