New India Co-operative Bank Scam: न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक घोटाला मामले में EOW (Economic Offences Wing) ने कार्रवाई करते हुए बैंक के पूर्व जनरल मैनेजर काे गिरफ्तार कर लिया है. घोटाले के आरोपी हितेश मेहता ने 5 सालों में 122 करोड़ रुपये तिजोरी से निकाल कर अपने पहचान वालो को दे दिया था. आर्थिक अपराध शाखा ने आरोपी को समन भेजकर उनसे बुक्स ऑफ अकाउंट की डिटेल मांगी थी. अब इसकी फ़रेंसिक ऑडिटिंग की जाएगी.
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न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक घोटाला मामले में EOW ने कार्रवाई तेज कर दी है. बीतें दिनों RBI ने बैंक में भारी अनियमितता के कारण कई प्रकार का प्रतिबंध लगाया दिया है. इसके बाद से बैंक के ग्राहक बेहद परेशान हैं. अब इस मामले में EOW ने पूर्व बैंक मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया है.
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हालांकि RBI द्वारा बैंक पर 6 महीनें का बैन लगाने से खाता धारकों को समस्या आ रही है, लेकिन कोशिश की जा रही है कि बैंक को रिवाइव किया जाए ताकि इसके 1.3 लाख खाता धारकों को राहत मिल सके. गौरतलब है कि बुक्स ऑफ अकाउंट और कैश टैली नहीं हो रही है. इसमे 122 करोड़ की हेराफेरी दिख रही है. EOW ने पाया कि अवैध निकासी हुई है. बैंक के पूर्व जनरल मैनेजर पर हितेश पर 122 करोड़ के गबन के आरोप लगे हैं.
बता दें कि 13 फरवरी को आरबीआई ने बैंक के कारोबार पर बैन लगाया था. बैन के दौरान बैंक ग्राहकों को ना तो कोई लोन दे सकता है और ना ही डिपॉजिट ले सकता है. इस फैसले से जमाकर्ताओं की मुसीबत बढ़ गई. क्योंकि वे अपने पैसे नहीं निकाल सकते.
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