रायपुर. सीएम विष्णुदेव साय भिलाई के ख़ुर्शीपार में आयोजित लघु उद्योग भारती के क्षेत्रीय सम्मेलन में शामिल हुए. उन्होंने लघु उद्योग भारती की मांग पर जल्द ही संस्था को कौशल विकास के लिए जमीन देने और एमएमएमई का अलग से मंत्रालय बनाने की घोषणा की है. इस माैके पर सीएम साय ने कहा कि राज्य स्थापना दिवस पर नई उद्योग नीति लागू की जाएगी, जो उद्योगपतियों से लेकर लघु उद्योग वाले सबके लिए लाभकारी होगी.

मुख्यमंत्री साय ने इस सम्मेलन को काफी कारगर बताया. भिलाई के अग्रसेन भवन में हुए इस क्षेत्रिय राष्ट्रीय सम्मेलन में चार राज्यों से लघु उद्योग भारती से सदस्य यहां पहुंचे थे. थे. मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ के लघु उद्योग भारती के प्रदेश अध्यक्ष और सदस्य शामिल हुए. वहीं उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन, दुर्ग शहर के विधायक गजेन्द्र यादव और दुर्ग ग्रामीण के विधायक ललित चन्द्राकर भी मौजूद रहे.

इस अवसर पर उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने कहा कि इस बार की उद्योग नीति काफी अच्छी बनी है. जल्द ही कैबिनट में लाकर इसे लागू किया जाएगा. उन्होंने कहा, कांग्रेस सरकार के समय की कस्टम मीलिंग की बकाया राशि भी जल्द ही राइस मिलर्स को दी जाएगी. दो सत्रों में हुए इस सम्मेलन मे लघु उद्योग को संचालित करने वाले लोगों ने अपनी सफलता की कहानी भी सुनाई.

लघु उद्योग भारती ने सीएम को सौंपा 10 सूत्रीय मांग पत्र

कार्यक्रम में लघु उद्योग भारती के प्रदेश अध्यक्ष ओपी सिंघानिाया ने 10 सूत्रीय मांग पत्र मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को सौंपा, जिसमें एमएसएमई मंत्रालय को पृथक मंत्रालय बनाने की मांग की गई. राइस मिलरो को दो साल के कस्टम मिलिंग की राशि का भुगतान, आयातित खाद्यानों से मंडी शुल्क में छूट, ट्रेड चेंज करने पर लीज रेंट परिवर्तित न करने , डीबीटी व्यवस्था लागू करने, एवं लघु उद्योग भारती के प्रदेश कार्यालय के लिए भूमि की मांग की, जिस पर जल्द ही सार्थक पहल करने का आश्वसन मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दिया.

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