शब्बीर अहमद,भोपाल। मध्यप्रदेश में अब शराब की धारा बहने वाली है. क्योंकि शिवराज सरकार ने नई शराब नीति को लेकर बड़ा फैसला लिया है. प्रदेश के सुपर मार्केट में भी मदिरा बिकेगी. इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर में चयनित सुपर मार्केट में फिक्स लाइसेंस फीस पर शराब के काउंटर संचालित करने के लिए लाइसेंस जारी किए जाएंगे.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज राज्य मंत्रि-परिषद ने समग्र आबकारी नीति 2022-23 और हेरीटेज मदिरा नीति 2022 को अनुमोदन दे दिया है. इसमें गैर-कानूनी एवं अमानक शराब निर्माण, परिवहन, भंडारण और विक्रय पर प्रभावी नियंत्रण हो सकेगा.

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अब मध्य प्रदेश में घर-घर शराब मिलेगी. राज्य सरकार ने एक करोड़ सालाना आय वालों को घर में बार लाइसेंस दिए जाएंगे. इसके लिए 50 हजार वार्षिक लाइसेंस फीस देना होगा. वहीं मध्यप्रदेश में शराब सस्ती होगी. विदेशी शराब 20 के रेट फीसदी तक कम किए जाएंगे. ड्यूटी कम होने के बाद अंग्रेजी शराब सस्ती होगी.

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अब एक दुकान पर देशी-विदेशी दोनों शराब बिकेंगी. 17 जिलों में चल रहे एकल समूह को पहले की तरह छोटे समूहों में परिवर्तित करने का टेंडर निकाला जाएगा. 35 जिलों में चल रहे छोटे समूहों को रिनुअल का प्रस्ताव भेजा जाएगा. अंगूर से बनी शराब को अबकारी शुल्क से छूट दी गई. जामुन से बनी शराब को बनाने की भी मंजूरी मिली है.

जानिए शराब पर और क्या-क्या निर्णय लिए गए ?

  • सभी जिलों की देशी/विदेशी शराब दुकानों का निष्पादन छोटे एकल समूहों के अनुरूप किया जा सकेगा.
  • समस्त मदिरा दुकानें कम्पोजिट शाप होंगी, जिससे अवैध मदिरा विक्रय की स्थितियां नहीं बनेंगी.
  • कलेक्टर और जिलों के विधायकगण की उच्च स्तरीय जिला समिति को उनके जिले की स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप मदिरा दुकानों के अनुरूप भौगोलिक दृष्टि से स्थान परिवर्तन कर अधिकार होगा.
  • प्रदेश के किसानों द्वारा उत्पादित अंगूर का उपयोग कर प्रदेश में बनी वाइन पर डयूटी नहीं होगी.
  • देशी मदिरा प्रदाय व्यवस्था में प्रदेश के असवकों के मध्य जिलेवार निविदा बुलाई जा सकेगी. इस साल टेट्रा पैकिंग की दर भी बुलाई जा सकेगी.
  • राजस्व की क्षति रोकने के लिये ई-आबकारी व्यवस्था लागू होगी. इसमें मदिरा का ट्रेक एंड ट्रेस, क्यूआर कोड स्कैनिंग, वैधता का परीक्षण आसान होगा.
  • हेरिटेज मदिरा नीति. महुआ फूल से बनी शराब की पायलट परियोजना की अनुमति दी गई है. इसके बाद इसे मंत्रिमंडल की उप समिति के सामने प्रस्तुत किया जाएगा.
  • वर्ष 2022-23 में नये बार लाइसेंस की स्वीकृति शासन द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुरूप कलेक्टर स्तर से ही की जाएगी.
  • पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों पर इको टूरिज्म बोर्ड द्वारा संचालित इकाइयों, पर्यटन विकास निगम की अस्थाई स्वरूप की इकाइयों को रियायती दरों, सरल प्रक्रियाओं/मापदंडों के आधार पर बार लाइसेंस दिये जा सकेंगे.
  • सभी एयरपोर्ट पर विदेशी मदिरा विक्रय काउंटर खोला जा सकेगा.
  • इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर में चयनित सुपर मार्केट में फिक्स लाइसेंस फीस पर वाइन विक्रय के काउंटर संचालित करने के लिये लाइसेंस जारी किये जा सकेंगे.
  • इंदौर और भोपाल में माइक्रो बेवरीज खोलने की अनुमति दी जायेगी, लेकिन पर्यावरण, विदयुत विभागों और नगर निगम का अनापत्तिल प्रमाण पत्र जरूरी होगा.
  • शराब आयात की प्रक्रिया को सरल बनाया जा सकेगा.
  • होम बार लाइसेंस दिया जा सकेगा. जिसके लिये 50 हजार रूपये वार्षिक लाइसेंस फीस होगी. इसकी पात्रता उन्हीं को होगी जिनकी सकल व्यक्तिगत आय न्यूनतम एक करोड़ हो.

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