लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में मॉड्ल प्रिजन अधिनियम-2023 की तर्ज पर प्रदेश का नया प्रिजन एक्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं. दरअसल, योगी ने गुरूवार को एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की. जिसमें कारागारों को ‘सुधार गृह’ के रूप में स्थापित करने की आवश्यकता जताई.

सीएम योगी ने कहा कि प्रिजन एक्ट 1894 का उद्देश्य अपराधियों को अभिरक्षा में अनुशासित ढंग से रखने पर केन्द्रित है, लेकिन हमें सुधार एवं पुनर्वासन पर केन्द्रित होना होगा. ऐसे में भविष्य को दृष्टिगत रखते हुए हमें नए अधिनियम लागू करने की आवश्यकता है.

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सीएम ने निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश कैबिनेट ने विगत दिनों नई जेल मैन्युअल को अनुमोदित किया है. जेल सुधारों की ओर यह महत्वपूर्ण प्रयास है. हमें कारागारों को सुधार के बेहतर केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए ठोस प्रयास करना होगा. इस दिशा में “ओपन जेल” की स्थापना उपयोगी सिद्ध हो सकती है. वर्तमान में लखनऊ में एक सेमी ओपन जेल संचालित है. ओपन जेल की स्थापना के लिए विधिवत प्रस्ताव तैयार करें.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें कारागारों को ‘सुधार गृह’ के रूप में स्थापित करना होगा. इस उद्देश्य से हर आवश्यक कदम उठाए जाएं. कैदियों का सुरक्षा मूल्यांकन, शिकायत निवारण, कारागार विकास बोर्ड, कैदियों के प्रति व्यवहार में बदलाव एवं महिला कैदियों व ट्रांसजेंडर आदि के लिये अलग आवास का प्रावधान जैसी व्यवस्था लागू की जाए.

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