रायपुर। प्रदेश में पंजीयन की व्यवस्था में जल्द तब्दीली होने जा रही है. पंजीयन विभाग बीओटी पद्धति पर किए जा रहे दस्तावेजों के कम्प्यूटरीकृत ई-पंजीयन के स्थान पर NIC पुणे द्वारा विकसित NGDRS साफ्टवेयर का इस्तेमाल करने जा रहा है. देश के विभिन्न प्रांतों में इस्तेमाल किए जा रहे इस साफ्टवेयर को प्रदेश के हिसाब से कस्टमाइज करने के बाद धमतरी उप पंजीयक कार्यालय में 15 दिसंबर से पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया जा रहा है.
पक्षकारों को पंजीयन कार्यालय में कम से कम समय लगे एवं सुविधाजनक रूप से पंजीयन कार्य संपादित हो इसके लिए NGDRS प्रणाली का सरलीकरण किया गया है. NGDRS प्रणाली में दस्तावेजों के पंजीयन के लिए पक्षकार या उसके प्रतिनिधि पहली बार वेबसािट https://www.ngdrs.cg.gov.in/NGDRS_CG के सिटीजन पार्ट में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने के उपरान्त सिटीजन लॉगिन कर दस्तावेज पंजीयन के लिए, सबंधित पंजीयन कार्यालय एवं विलेख प्रकार का चयन करते हुए क्रमानुसार ऑनलाईन उपलब्ध फार्म में पक्षकारों तथा संपत्ति विवरण को भरने पर स्वतः बाजार मूल्य, स्टाम्प शुल्क एवं पंजीयन शुल्क की गणना हो जाएगी.
पक्षकार स्टाम्प शुल्क ई-स्टाम्प के माध्यम से तथा पंजीयन शुल्क तथा सेवा शुल्क ऑनलाईन जमा कर सकेंगे. इसके उपरान्त पंजीयन हेतु सुविधानुसार समय एवं तिथी का चयन कर अपान्टमेंट बुकिंग किया जाना होगा. इसके पश्चात् निर्धारित तिथि एवं समय में पंजीयन कार्यालय में उपस्थित होकर मूल दस्तावेज प्रस्तुत करने पर, पंजीयन की आगामी कार्यवाही जैसे की वेरिफिकेशन, स्वीकृति, शिनाख्ती आदि कार्यवाही पंजीयन कार्यालय में संपादित की जायेगी. ऑनलाईन शुल्क प्राप्ति के वेरिफिकेशन उपरान्त उसी दिवस में दस्तावेज के पंजीयन की कार्यवाही पूर्ण की जाकर, दस्तावेज की स्केनिंग उपरान्त पक्षकार को मूल दस्तावेज की वापसी कर दी जाएगी.
बता दें NGDRS साफ्टवेयर को देश के 10 राज्यों द्वारा अपनाया जा चुका है. छत्तीसगढ़ इसे अपनाने वाला ग्यारहवां राज्य है. इस साफ्टवेयर में अन्य राज्यों में प्रचलित उत्कृष्ट प्रावधानों का समावेश किया गया है. संपत्ति के हक/स्वामित्व की जांच के लिए राजस्व विभाग के भुईया साफ्टवेयर से इंटीग्रेशन किया गया है. आने वाले समय में आधार एवं पैन से जोड़कर पक्षकारों की शिनाख्ती एवं वेरिफिकेशन ऑनलाइन किया जा सकेगी, जिससे जालसाजी की संभावना नगण्य हो जायेगी.
इस नवीन व्यवस्था के लागू होने पर दस्तावेजों के पंजीयन व्यवस्था और आसान हो जाएगा. इस व्यवस्था के तहत पंजीयन का कार्य और अधिक सरल और कम समय में किया जा सकेगा. पक्षकारों को पंजीयन कार्यालय में कम समय रूकना पड़ेगा तथा दस्तावेज पंजीयन के दिन ही दिया जा सकेगा. इस नवीन व्यवस्था से पंजीकृत दस्तावेजों को आनलाईन उपलब्ध कराया जा कर उनके नकल तथा भारमुक्त प्रमाणपत्र आसानी से हासिल किया जा सकेगा.