दिल्ली. वकालत के पेशे में ज्यादातर वकील ऐसे हैं जिन्हें कानून और वकालत की गंभीर समझ नहीं है. इसे दुरुस्त करने के लिए बार काउंसिल आफ इंडिया कड़े कदम उठाने जा रही है.

बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने कई कड़े और बड़े फैसले लिये हैं ताकि वकालत के पेशे का स्तर सुधारा जा सके. अब वकीलों को निचली अदालतों में दो साल तक वकालत करनी होगी तबी वे हाईकोर्ट में वकालत कर सकेंगे.

इसी तरह सुप्रीम कोर्ट में वकालत करने के लिए दो साल तक हाईकोर्ट में वकालत का अनुभव लेना जरूरी होगा. बीसीआई ने फैसला लिया है कि नियमित वकालत नहीं करने वाले वकील बार एसोसिएशन या बार काउंसिल का चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.

बीसीआई अध्यक्ष मनन कुमार मिश्र ने इस बारे में निर्देश जारी करते हुए कहा कि मार्च 2020 से ये नियम लागू हो जाएंगे. जनवरी 2020 में सभी बार काउंसिल के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर सुधारों पर अंतिम मुहर लगेगी.