Groww IPO 2025 भारत के निवेश जगत में आज एक नई शुरुआत हुई है. देश के सबसे लोकप्रिय फाइनेंशियल प्लेटफॉर्म Groww की पैरेंट कंपनी Billionbrains Garage Ventures का बहुचर्चित IPO आज यानी 4 नवंबर 2025 से खुल गया है.

इस IPO ने पहले ही मार्केट में जबरदस्त चर्चा बटोरी थी—कंपनी का लक्ष्य है करीब ₹6,632.30 करोड़ जुटाने का, जिसमें नए और पुराने दोनों शेयर शामिल हैं. अब सवाल है — क्या यह IPO 2025 का सबसे बड़ा “स्मार्ट मूव” साबित होगा?

कितनी बड़ी डील है यह IPO?

कंपनी के अनुसार, कुल ₹6,632.30 करोड़ के इस इश्यू में दो हिस्से हैं —

₹1,060 करोड़ के नए शेयर जारी होंगे, जबकि ₹5,572.30 करोड़ के ऑफर फॉर सेल (OFS) के तहत मौजूदा निवेशक अपने शेयर बेचेंगे. यानी कंपनी न सिर्फ नए निवेश लाने की कोशिश कर रही है, बल्कि पुराने इनवेस्टर्स को भी एग्जिट का मौका मिल रहा है.

कितनी और किस तरह की बोली लगेगी?

IPO में निवेश के लिए रिटेल इनवेस्टर्स को कम से कम 1 लॉट यानी 150 शेयर के लिए आवेदन करना होगा. अगर आप अपर प्राइस बैंड ₹100 पर एक लॉट लेते हैं, तो ₹15,000 का इन्वेस्टमेंट जरूरी है.

वहीं अधिकतम 13 लॉट यानी 1,950 शेयर तक बोली लगाई जा सकती है, जिसमें लगभग ₹1,95,000 की राशि लगेगी.

किसे मिलेगा IPO का कितना हिस्सा?

IPO का वितरण इस तरह तय किया गया है —75% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs) के लिए, 15% हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NIIs) के लिए, और 10% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व रखा गया है. इससे साफ है कि कंपनी चाहती है कि प्रोफेशनल और संस्थागत निवेशक इसके प्रमुख आधार बनें.

कंपनी जुटाए गए पैसे का क्या करेगी?

Groww की पैरेंट कंपनी इस पूंजी का इस्तेमाल विस्तार और टेक्नोलॉजी मजबूत करने में करेगी —

क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर पर ₹152.50 करोड़,
ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर ₹225 करोड़,
NBFC यूनिट (GCS) में पूंजी बढ़ाने के लिए ₹205 करोड़,
MTF बिजनेस (GIT) में ₹167.50 करोड़,
और शेष राशि अधिग्रहण व सामान्य खर्चों पर की जाएगी.

यह रणनीति बताती है कि कंपनी सिर्फ वैल्यूएशन नहीं, बल्कि ग्रोथ की ठोस नींव भी रखना चाहती है.

ग्रो का सफर: स्टार्टअप से स्टॉक मार्केट तक

ग्रो की स्थापना 2017 में चार युवा इंजीनियर्स ने की थी. शुरुआत में यह एक म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट ऐप थी, लेकिन आज यह प्लेटफॉर्म स्टॉक्स, F&O, ETF, डिजिटल गोल्ड, IPOs और यहां तक कि अमेरिकी शेयरों में निवेश की सुविधा देता है.

इसके अलावा कंपनी मार्जिन ट्रेडिंग, एल्गोरिदमिक ट्रेडिंग, NFO और क्रेडिट सॉल्यूशंस जैसी सेवाएं भी प्रदान करती है. जून 2025 तक इसके पास 1,400 से अधिक कर्मचारी और करोड़ों एक्टिव यूजर्स हैं.

IPO क्या होता है और क्यों होता है जरूरी?

जब कोई कंपनी पहली बार आम निवेशकों के लिए अपने शेयर मार्केट में बेचती है, तो इसे Initial Public Offering (IPO) कहते हैं. इससे कंपनी अपने व्यवसाय को बढ़ाने, कर्ज घटाने या नई यूनिट्स शुरू करने के लिए पूंजी जुटाती है.

Groww का यह कदम बताता है कि अब वह सिर्फ एक ऐप नहीं, बल्कि भारत के डिजिटल निवेश इकोसिस्टम का अगला बड़ा खिलाड़ी बनना चाहती है.

मार्केट एक्सपर्ट्स क्या कह रहे हैं?

स्टॉक एनालिस्ट्स के मुताबिक, यह IPO “टेक एंड ट्रस्ट” का कॉम्बिनेशन है. फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर में Groww ने यूज़र्स का भरोसा तो पाया ही है, अब उसका मकसद है स्टॉक मार्केट में भी वैल्यू क्रिएट करना. हालांकि कुछ विश्लेषक यह भी मानते हैं कि वैल्यूएशन ऊंचा होने से शुरुआती उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है.

₹15,000 के न्यूनतम निवेश से शुरू होकर ₹6,600 करोड़ की विशाल डील तक पहुंचा Groww का यह IPO निवेशकों के लिए “जोखिम और अवसर” दोनों लेकर आया है. अब असली सवाल यह है कि क्या यह डिजिटल युग का अगला HDFC बन पाएगा या महज़ एक शॉर्ट-टर्म बज़ साबित होगा? इसका जवाब मार्केट 7 नवंबर के बाद खुद दे देगा.