चंडीगढ़. शिरोमणी अकाली दल ने आज केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ प्रशासन की पंजाब और हरियाणा से यूटी में कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति की सीमा केवल 7 साल करने की नई पॉलिसी को तत्काल वापस लेने की मांग की है.
इस फैसले की निंदा करते हुए अकाली दल के वरिष्ठ नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि नई पॉलिसी पंजाब और हरियाणा में राज्य के विभाजन के समय यूटी प्रशासन द्वारा सहमत तदर्थ व्यवस्था के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि तब कि यूटी के लिए कर्मचारी क्रमशः 60:40 के अनुपात पर पंजाब और हरियाणा से लिए जाने पर सहमति बनी थी.
यह कहते हुए कि पंजाब और हरियाणा सरकार के कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति को देश में अन्य ऐसी प्रतिनियुक्तियों के साथ बराबर नहीं किया जा सकता. डॉ. चीमा ने कहा कि पंजाब और हरियाणा के कर्मचारियों के मामले में उन्हें दोनों सरकारों द्वारा अधिकार के रूप में तैनात किया जाता है.
उन्होंने कहा कि इस पद पर तैनात कर्मचारियों को अन्य प्रतिनियुक्तियों की तरह कोई प्रतिनियुक्ति भत्ता भी नही मिलता है. उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि नई पॉलिसी का मकसद यूटी में पंजाब और हरियाणा के कर्मचारियों की पोस्टिंग को हतोत्साहित करना है. ऐसी अनिश्चित परिस्थितियों में वे स्थायी रूप से चंडीगढ़ में स्थानांतरित नही होना चाहेंगे.
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