नई दिल्ली। दिल्ली में सार्वजनिक सेवाओं की डोर स्टेप डिलीवरी के लिए एक नया संस्करण शुरू किया जा रहा है। यह योजना शुरू में 8 विभागों में 40 सेवाओं के साथ शुरू की गई थी। इसका अब 14 विभागों की 100 सेवाओं तक विस्तार हो गया है। इस समय सबसे ज्यादा मांग राजस्व, परिवहन, समाज कल्याण, जाति, आय, आवासीय प्रमाणपत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन स्वामित्व के हस्तांतरण आदि के कार्यो से जुड़ी होती है। आने वाले समय में डोरस्टेप डिलीवरी योजना के तहत सेवाओं की संख्या तीन गुना होने की उम्मीद है।

 

डोरस्टेप डिलीवरी योजना शुरू

दिल्ली सरकार ने सितंबर 2018 में सरकारी सेवाओं की डोरस्टेप डिलीवरी योजना शुरू की, जो वर्तमान में नागरिकों के घरों पर 100 सेवाओं की डिलीवरी प्रदान करती है। इस योजना की खास बात है कि इसके तहत सूचीबद्ध सेवाओं के लिए दिल्ली के किसी भी नागरिक को कहीं जाने की कोई जरूरत नहीं है। इस योजना के तहत सहायता के लिए नागरिक 1076 पर कॉल करते हैं और एक मोबाइल सहायक उनके पास आवश्यक दस्तावेज एकत्र करने के लिए जाता है। उन्हें किसी भी दफ्तर के चक्कर लगाने या कतार में लगने की जरूरत नहीं पड़ती है। लोगों को घर बैठे दिल्ली सरकार की सेवाओं का लाभ मिल जाता है।

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फिलहाल डोरस्टेप डिलीवरी योजना अंतर्गत 80 कॉल-सेंटर कर्मचारी हैं, जो लोगों को रोजाना फोन पर जरूरी सहायता प्रदान करते हैं। कॉल-सेंटर प्रतिनिधियों ने अभी तक 5 लाख से अधिक सेवा अनुरोध को पूरा करने के लिए 25 लाख से अधिक कॉल्स रिसीव किए हैं।डोर स्टेप डिलीवरी का एक नया संस्करण शुरू करने के लिए विभाग ने दो नई मैनपावर एजेंसियों को पैनल में शामिल किया है। दो थर्ड पार्टी वेंडर सीएससी ई-गवर्नेंस और कोर डॉक 2 (यमुना ट्रांस के लिए) को पैनल में शामिल किया है। ये कंपनियां वीएफएस ग्लोबल की जगह लेंगी। इसके लिए निविदा प्रक्रिया अक्टूबर 2021 में शुरू की गई थी। इसके बाद इन एजेंसियों को दिल्ली सरकार ने डोर स्टेप डिलीवरी सेवाओं के लिए चुना है। ये दोनों एजेंसियां क्रमश: 70 फीसदी और 30 फीसदी काम देखेंगी। दिल्ली के आम लोगों के सुझाव और सकारात्मक प्रतिक्रिया के आधार पर दिल्ली सरकार ने डोरस्टेप डिलीवरी योजना के तहत सेवाओं के कार्यान्वयन में सुधार के लिए यह कदम उठाया है।

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दिल्ली में डोर स्टेप डिलीवरी ऑफ सर्विसेज योजना के तहत लोगों को सेवा प्रदान करने के लिए लगभग 150 मोबाइल सहायक, पर्यवेक्षक और समन्वयक होंगे। दो मैनपावर एजेंसियों को शामिल करने से किसी एक सेवा प्रदाता पर परिचालन निर्भरता कम हो जाएगी। इसके अलावा, दिल्ली सरकार डोर स्टेप डिलीवरी योजना अंतर्गत बेहतर निगरानी, एप्लिकेशन ट्रैकिंग, समन्वय और पर्यवेक्षण के लिए एक नया और बेहतर सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन विकसित कर रही है। इससे सभी प्रमुख हितधारकों (कॉल सेंटर, मैनपावर एजेंसियों, दिल्ली सरकार) में बेहतर समन्वय और सेवाओं के वितरण में पारदर्शिता सुनिश्चित हो सकेगी।

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दिल्ली के प्रशासनिक सुधार मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि दिल्ली सरकार ने देश में सार्वजनिक सेवा वितरण प्रणाली के काम करने के तरीकों में क्रांतिकारी बदलाव किया है। डोरस्टेप डिलीवरी की 2018 में शुरुआत के बाद से सरकारी सेवाओं को लोगों के घरों तक मुहैया कराया है। उन्होंने कहा, “हम सभी विभागों में 2021 से धीरे-धीरे फेसलेस सेवा ला रहे हैं, ताकि लोग एक क्लिक के जरिये घर बैठे सरकारी काम करा सकें। इन दो नए वेंडर्स के जुड़ने के बाद हम न केवल अपनी सेवा की दक्षता बढ़ा सकेंगे, बल्कि किसी भी तरह की चुनौतियों के समाधान के लिए भी तैयार हैं। हम जल्द ही डोर स्टेप योजना के तहत आने वाली सेवाओं को भी तीन गुना कर रहे हैं, ताकि किसी भी दिल्लीवासी को सरकारी सेवा का लाभ उठाने के लिए कहीं जाना न पड़े। वे घर बैठे ही सरकारी सेवाओं का लाभ उठा सकें।”