नेहा केशरवानी, रायपुर. छत्तीसगढ़ का पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय अब अयोध्या पर शोध करने जा रहा. विवि छत्तीसगढ़ के कल्चर पर भी शोध करेगा. विश्वविद्यालय के नए कुलपति सचिदानंद शुक्ला ने इसका आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के उद्योग, खदानों को भी विश्विद्यालय से जोड़ा जाएगा.

आपको बता दें कि 1 अप्रैल से नए कुलपति शुक्ला ने जॉइन किया है. उन्होंने लल्लूराम डाॅट काम को 5 साल के 1800 वर्किंग डे की रूपरेखा बताई.

यूनिवर्सिटी के अंदर शुरू होगी ई रिक्शा फैसिलिटी

रविशंकर विवि के कुलपति सचिदानंद शुक्ला ने अपनी प्लानिंग बताते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में सबसे ज्यादा फोकस रिसर्च पर होगा. इसके लिए मैं खुद रोज क्लास लूंगा. वे अब रविवि में रोजाना रिसर्च, इलेक्ट्रॉनिक जैसे विषयों पर क्लास लेंगे. कुलपति ने आयोध्या का जिक्र करते हुए बताया कि अयोध्या में हर साल छत्तीसगढ़ के लोग वहां दिया जलाकर सोहर गीत गाते हैं. आयोध्यावासी उन्हें नेग भी देते है., आयोध्यावासी और छत्तीसगढ़वासी के बीच ये बॉन्ड देख कर अलग अनुभूति होती है. एकेडमी इस पर शोध करेगा. शोध गंगा में अब तक रविशंकर विवि के 2800 शोध अपलोड हुए, जो बहुत कम है, इस पर बहुत ज्यादा ध्यान देंगे.

स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम को देंगे बढ़ावा

नए कुलपति ने बताया, समाज के लोगों को भी विवि से जोड़ा जाएगा और भी कई गांवों को गोद लिया जाएगा. यूनिवर्सिटी में रेगुलर एक्सपर्ट्स वर्कशॉप, कॉन्फ्रेंस लेंगे. स्किल डेवलोपमेन्ट, इनोवेशन सेंटर, रिसर्च, लैब्स पर फोकस रहेगा. 3 साल के अंदर यूनिवर्सिटी में म्यूजियम बनाया जाएगा. हिल सेंटर, योगा सेंटर पर भी विचार किया जाएगा. कुलपति हर महीने स्टूडेंट्स के साथ बैठेंगे. यूनिवर्सिटी के अंदर जल्द से जल्द के रिक्शा फैसिलिटी शुरू की जाएगी. सोए हुए प्लेसमेंट कैम्प को जगाएंगे. विश्विद्यालय के उत्थान के लिए समाज का कोई भी व्यक्ति कुलपति से मिल पाएगा, ऐसी पृष्ठभूमि पर काम करेंगे.

मार्कशीट, माइग्रेशन के लिए आसान होगी सुविधा

उन्होंने कहा, जो भी काम करेंगे विश्विद्यालय के बच्चों को ध्यान में रखकर किया जाएगा. लोगों को बिना चक्कर काटे मार्कशीट, माइग्रेशन मिल पाए, ऐसे रिच वेबसाइट लाएंगे. रविवि विश्विद्यालय के दीक्षांत समारोह के लिए कुलपति ने कहा, राज्यपाल से मिलकर इसकी योजना बनाएंगे. बता दें कि विवि के नए कुलपति सचिदानंद शुक्ला 14 साल तक मीडिया ऑफियर्स से जुड़े रहे. वे 10 साल हिंदुस्तान टाइम्स न्यूज में काम कर चुके हैं.