New Year 2022:  New Debit Credit Card New Rules: अगर आप भी क्रेडिट या डेबिड कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो जान लें कि नए साल से ऑनलाइन कार्ड पेमेंट के नियम बदलने जा रहे हैं. डेबिट और क्रेडिट कार्ड की सुरक्षा को देखते हुए ये बदलाव किए जा रहे हैं. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) इस नियम को 1 जनवरी 2022 से लागू करने जा रही है.

नए साल (New Year 2022) पर अब आपको महंगाई का एक और झटका लगने वाला है. दरअसल, 1 जनवरी 2022 से एटीएम (ATM) से पैसा निकलना और भी महंगा हो जाएगा. अगले महीने से ATM के इस्तेमाल करने पर आपको ज्यादा खर्च करना पड़ेगा. RBI के नए नियम के तहत अब ग्राहकों को तय सीमा के बाद एटीएम ट्रांजैक्शन (ATM transaction limit) के लिए जेबें ज्यादा ढीली करनी होगी. 1 जनवरी से देश के सभी बैंकों ने एटीएम चार्ज 5 फीसदी तक बढ़ाने का फैसला किया है. यानी अब लिमिट पूरा होने के बाद एटीएम से नकदी निकालने पर हर बार 21 रुपये देना होगा. इसके साथ ही ग्राहक को GST अलग से देना पड़ेगा. आपको बता दें क़ी वर्तमान में यह रकम 20 रुपये है जिसे अगले महीने से बढ़ाकर 21 रुपये कर दिया गया है.

इसके अलावा भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ऑनलाइन भुगतान को और सुरक्षित बनाने के लिए सभी वेबसाइट और भुगतान गेटवे (payment gateways) द्वारा स्टोर किए गए ग्राहकों के डेटा को हटाने और इसके स्थान पर लेनदेन करने के लिए एन्क्रिप्टेड टोकन (encrypted tokens) का उपयोग करने के लिए कहा है.

 नए नियम के मुताबिक मर्चेंट अपनी वेबसाइट पर कार्ड का इनफॉर्मेशन स्टोर नहीं रख पाएंगे. आरबीआई ने देश की सभी कंपनियों को 1 जनवरी 2022 तक डेबिट और क्रेडिट कार्ड से जुड़ी सेव जानकारी हटाने का निर्देश दिया है. रिजर्व बैंक ने कार्ड की सुरक्षा के लिए यह नियम बनाया है.

कुछ बैंकों ने तो अपने ग्राहकों को नए नियमों के बारे में अलर्ट करना भी शुरू कर दिया है. एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) ने अपने ग्राहकों से कहा है कि, ‘बेहतर कार्ड सिक्योरिटी के लिए आरबीआई के नए मैंडेट के अनुरूप मर्चेंट वेबसाइट/ऐप पर सेव आपके एचडीएफसी बैंक कार्ड (HDFC Bank card) की डिटेल्स 1 जनवरी, 2022 से मर्चेंट द्वारा डिलीट कर दी जाएंगी. हर बार भुगतान के लिए ग्राहक को या तो कार्ड की पूरी डिटेल्स डालनी होंगी या फिर टोकनाइजेशन सिस्टम को अपनाना होगा.’

जाने क्या है टोकनाइजेशन?

अभी तक हमें ट्रांजेक्शन के वक्त 16 अंकों का कार्ड नंबर, कार्ड एक्सपायरी डेट, सीवीवी और ओटीपी डालना होता है. ट्रांजेक्शन पिन देने की भी जरूरत होती है. अब ये सब जानकारियां नहीं देनी होंगी. अब कार्ड की डिटेल के लिए कार्ड नेटवर्क की तरफ से एक कोड मिलेगा जिसे टोकन कहा जाएगा. हर कार्ड के लिए यह टोकन खास होगा. इस टोकन के जरिये कोई जानकारी नहीं दी जाएगी.

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