रायपुर. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों से कहा है कि 8 नवंबर 2016 से 30 दिसंबर 2016 तक अपनी शाखाओं और करेंसी चेस्ट की सीसीटीवी रिकॉर्डिंग को अगले आदेश तक संरक्षित रखें, जिससे प्रवर्तन एजेंसियों को नोटबंदी के दौरान नए नोटों के अवैध संचय से संबंधित मामलों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने में मदद मिल सके. केंद्रीय बैंक ने 13 दिसंबर 2016 को सबसे पहले बैंकों से कहा था कि वे प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा प्रभावी कार्रवाई की सुविधा के लिए रिकॉर्डिंग को सुरक्षित रखें.

इसे लेकर एक अधिसूचना जारी कर RBI ने कहा कि जांच एजेंसियों की लंबित जांच, कोर्ट में लंबित कार्यवाही को ध्यान में रखते हुए, आपको सलाह दी जाती है कि आप 08 नवंबर 2016 से 30 दिसंबर 2016 तक अपनी शाखाओं और करेंसी चेस्ट की सीसीटीवी रिकॉर्डिंग को अगले आदेश तक सुरक्षित रखें.

सरकार ने 8 नवंबर, 2016 को काले धन पर रोक लगाने के लिए 500 और 1,000 रुपये के नोट बंद कर दिए थे. उस वक्त सरकार ने जनता को विकल्प दिया था कि बंद हुए नोटों को अपने बैंकों में जमा कर सकते हैं या उन्हें नए नोटों से बदल सकते हैं. जिसकी वजह से देश भर के बैंकों की ब्रांच के बाहर लोगों की भारी भीड़ देखी गई. कई इनपुट के आधार पर जांच एजेंसियों ने अवैध रूप से नए नोटों की जमाखोरी के मामलों की भी जांच शुरू कर दी. जांच में मदद के लिए आरबीआई बैंक ने बैकों से कहा है कि वह अपले आदेश तक नोटबंदी की अवधि के सीसीटीवी रिपॉर्डिंग को सुरक्षित रखे, उसे नष्ट न करें.

बता दें कि 08 नवंबर 2016 को 15.41 लाख करोड़ रुपये की वैल्यू के 500 और 1,000 रुपये के नोट बंद कर दिए गए थे. जिसमें से केवल 15.31 लाख करोड़ रुपये वापस आए थे.

70 फीसदी शाखाओं के पास सीसीटीवी फुटेज

किसी भी बैंक ब्रांच में लगे सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग स्टोरेज क्षमता 3 से 6 महीने तक होती है पर नोटबंदी के दौरान 8 नवंबर से 31 दिसंबर की सीसीटीवी फुटेज बैंकों ने मदर बोर्ड में सुरक्षित रख ली थी. ये मदर बोर्ड बैंक में ही अति सुरक्षित लॉकरों में रखे गए हैं.