रायपुर. कोरोनाकाल में डॉक्टरों के साथ हुए हिंसा का विरोध करने आईएमए 18 जून को राष्ट्रीय विरोध दिवस मनाने जा रहा है.  

डॉ महेश सिन्हा, अध्यक्ष, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन छत्तीसगढ़ के मुताबिक देश पिछले डेढ़ साल से कोरोना महामारी से जूझ रहा है. देश की जनता की जान बचाने के लिए पूरा चिकित्सा समुदाय जी जान से जुटा हुआ है. अपने इस प्रयास में लाखों लोगों की जान बचाई गई और कई परिवारों को अनाथ होने से बचाया गया.

परंतु चिकित्सक भी इंसान हैं, भगवान नहीं. जनता की जान बचाने के प्रयास में 1400 से ज्यादा चिकित्सकों तथा हजारों अन्य चिकित्सा कर्मियों ने अपनी जान गंवा दी. यहां तक कि बहुत से चिकित्सक दंपत्तियों के निधन की वजह से उनके बच्चे अनाथ हो गए.

कोरोनावायरस के खिलाफ युद्ध में अग्रिम योद्धा के रूप में अपने परिवारों को भुलाकर जान हथेली पर रखकर कार्य कर रहे चिकित्सकों तथा चिकित्सा कर्मियों को देशभर में प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है.

बहुत सी जगहों पर हिंसक हमले हुए जिसमें बहुत से युवा चिकित्सकों के साथ साथ अनेक अनुभवी चिकित्सकों को भी अपनी जान गवानी पड़ी. कई चिकित्सक आज भी अस्पतालों में जीवन और मृत्यु की लड़ाई लड़ रहे हैं. बहुत सी महिला चिकित्सकों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है. बहुत से चिकित्सकों के साथ गाली गलौज की भाषा में बात की जा रही है.

अपने अधिकारों की रक्षा हेतु, चिकित्सकों और चिकित्सा संस्थानों को उचित सुरक्षा देने हेतु तथा कोरोना की इस लड़ाई में अपनी जान गवा चुके चिकित्सकों और चिकित्सा कर्मियों को शहीद का दर्जा दिला कर उनके परिवारों को उचित सहायता दिलवाने के लिए आज 15 जून 2021 को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने Demand Day के रूप में घोषित किया है, जिसमें अपनी मांगों के बारे में ज्ञापन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यपाल अनुसुइया उइके, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल डिमांड सौंप गए.

ये हैं प्रमुख मांगे

  1. सभी चिकित्सकों चिकित्सा कर्मियों तथा चिकित्सा संस्थानों को हिंसक कार्रवाइयों से बचाने के लिए तथा असामाजिक तत्वों को सख्त सजा दिलवाने के लिए एक केंद्रीय कानून तथा फास्ट ट्रैक कोर्ट की मांग की गई है ताकि सभी चिकित्सक निर्भय होकर पूर्ण निष्ठा के साथ जनहित में अपनी जिम्मेदारी निभा सकें.
  2. जिन चिकित्सा कर्मियों ने कोरोना महामारी के दौरान अपनी जान गवाई है, उन्हें कोरोना शहीदों का दर्जा दिया जाए तथा उनकी शहादत को उचित सम्मान दिया जाए, उनके परिवारों को सरकार की ओर से उचित सहायता दी जाए.
  3. चिकित्सा संस्थानों को संरक्षित क्षेत्र घोषित किया जाए तथा वहां उचित सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध करवाई जाए.

क्या करने वाले है 18 जून को

डॉ राकेश गुप्ता, चेयरमैन, हॉस्पिटल बोर्ड, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन छत्तीसगढ़ ने बताया कि 18 जून 2021 को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने चिकित्सकों तथा चिकित्सा कर्मियों के साथ हो रही हिंसक घटनाओं के विरोध में राष्ट्रीय विरोध दिवस (National Protest Day) के रूप में घोषित किया है. इस दिन सभी चिकित्सक कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अपने अपने परिसर में काला मास्क तथा काली पट्टी लगाकर विरोध प्रदर्शन करते हुए कार्य करेंगे.