कोरोना तांडव के किसान आंदोलन अब भी जारी है. इसी बीच राकेश टिकैत ने एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि ये शाहीन बाग नहीं है.
टिकैत ने कहा “आंदोलन अगर खत्म हो जाये तो क्या देश से कोरोना खत्म हो जाएगा? वे हमारे गांव है, जहां पांच-पांच महीन से हम वहां रह रहे हैं. जैसे पूरा देश रहेगा उन्हीं गाइडलाइंस से हम रह लेंगे. आंदोलन का इससे क्या लेना देना है”
रिपब्लिक टीवी से बात करते हुए टिकैत ने कहा “आंदोलन अगर खत्म हो जाये तो क्या देश से कोरोना खत्म हो जाएगा? वे हमारे गांव है, जहां पांच-पांच महीन से हम वहां रह रहे हैं. जैसे पूरा देश रहेगा उन्हीं गाइडलाइंस से हम रह लेंगे. आंदोलन का इससे क्या लेना देना है.
बता दें हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किसानों से कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर ‘मानवता के आधार’ पर आंदोलन वापस लेने की अपील की थी. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘किसानों को अपना आंदोलन मानवता के आधार पर वापस ले लेना चाहिए.’ उन्होंने कहा कि स्थिति में सुधार होने के बाद वे अपना प्रदर्शन जारी रख सकते हैं. मुख्यमंत्री ने जिला उपायुक्तों को भी निर्देश दिया कि वे प्रदर्शनकारी किसानों से संपर्क करें और उन्हें इसके लिए मनाया जाए.
कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए प्रदेशों में धारा 144 लगा दी गई है. लोग एक जगह पर जमा न हो जिससे कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका जा सके मगर दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानून को लेकर धरना देकर प्रदर्शन जारी है. कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर से कई दौर की बातचीत के बाद भी किसानों की मांग और सरकार में कोई सर्वमान्य हल नहीं निकल सका है. किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं जबकि सरकार बनाए गए कानूनों को उनके हित का मानती है.
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