युवा कथा वाचक जया किशोरी (Jaya Kishori) का नानी बाई रो मायरो काफी पसंद किया जाता है. इसके वीडियो अब तक करोड़ों लोगों तक देख चुके है.

अब जया किशोरी (Jaya Kishori) ने मायरे का मार्मिक प्रसंग बताया है. इसका वीडियो उन्होंने अपने अधिकृत यू-ट्यूब चैनल पर पोस्ट किया है. इस वीडियो (Video) को अब तक 50 हजार से ज्यादा लोग देख चुके है. इस मार्मिक प्रसंग को बताते-बताते जया किशोरी रो पड़ती है.

क्या है नानी बाई रो मायरो…

  • नानी बाई रो मायरो (nani bai ro mayro) अटूट श्रद्धा पर आधारित प्रेरणादायी कथा है.
  • कथा के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण का गुणगान किया जाता है.
  • नानी बाई रो मायरो (nani bai ro mayro) की शुरूआत नरसी भगत के जीवन से हुई.
  • नरसी जी (narsi ji) का जन्म गुजरात (Gujrat) के जूनागढ़ में आज से 600 साल पूर्व हुमायूं के शासनकाल में हुआ.
  • नरसी जन्म से ही गूंगे-बहरे थे, वो अपनी दादी के पास रहते थे. उनके एक भाई-भाभी भी थे.
  • भाभी का स्वभाव कड़क था, एक संत की कृपा से नरसी की आवाज गई तथा उनका बहरापन भी ठीक हो गया.
  • नरसी के माता-पिता (Mother-father) गांव की एक महामारी का शिकार हो गए, नरसी का विवाह हुआ लेकिन छोटी उम्र में उनकी पत्नी भगवान को प्यारी हो गई.
  • नरसी जी का दूसरा विवाह कराया गया, समय बीतने पर नरसी की लड़की नानीबाई का विवाह अंजार नगर में हुआ.
  • इधर नरसी की भाभी ने उन्हें घर से निकाल दिया, नरसी श्रीकृष्ण के अटूट भक्त थे.
  • वे उन्हीं की भक्ति में लग गए. भगवान शंकर की कृपा से उन्होंने ठाकुर जी के दर्शन किए.
  • उसके बाद तो नरसी ने सांसारिक मोह त्याग दिया और संत बन गए.
  • उधर नानीबाई ने पुत्री को जन्म दिया और पुत्री विवाह लायक हो गई किंतु नरसी को कोई खबर नहीं थी.
  • लड़की के विवाह पर ननिहाल की तरफ से भात भरने की रस्म के चलते नरसी को सूचित किया गया.
  • नरसी के पास देने को कुछ नहीं था, उसने भाई-बंधु से मदद की गुहार लगाई किंतु मदद तो दूर कोई भी चलने तक को तैयार नहीं हुआ.
  • अंत में टूटी-फूटी बैलगाड़ी लेकर नरसी खुद ही लड़की के ससुराल के लिए निकल पड़े.

देंखे ये पूरा वीडियो… जब रो पड़ी जया किशोरी

https://youtu.be/tYGoiZ7xyA4