रायपुर- करीब दस हजार करोड़ रूपए की जल जीवन मिशन के ठेके में गड़बड़ी की शिकायत को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं. चीफ सेक्रेटरी आर पी मंडल की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया गया है. बताते हैं कि कांग्रेस में ही इस गड़बड़ी को लेकर बगावत शुरू हो गई थी. कांग्रेस नेताओं की ओर से मुख्यमंत्री को सीधे शिकायत की गई, जिसके बाद उन्होंने इस पूरे मामले का परीक्षण कराए जाने का निर्देश जारी किया. बता दें कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत ग्रामीण इलाकों के घरों में साल 2024 तक पाइप लाइन के जरिए पानी पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है. राज्य में इस मिशन में लगभग सात हजार करोड़ रूपए के काम के ठेके की प्रक्रिया चल रही है. 

सूत्र बताते हैं कि पिछले दिनों कांग्रेस नेताओं ने मुख्यमंत्री से की गई शिकायत में यह बताया कि करीब छह हजार करोड़ रूपए का ठेका राज्य के बाहर की चुनिंदा कंपनियों को दे दिया गया. मैदानी इलाकों का बड़ा काम इन कंपनियों के हिस्से गया, वहीं स्थानीय ठेकेदारों को बस्तर के दुर्गम नक्सप्रभावित इलाकों के छोटे काम दिए गए. शिकायत में यह कहा गया है कि कांग्रेस ने चुनावी घोषणा पत्र में रोजगार और ठेके में स्थानीय लोगों की भागीदारी ज्यादा से ज्यादा होने का वादा किया था, लेकिन बाहरी कंपनियों को काम देने से स्थानीय ठेकेदार ठगा महसूस कर रहे हैं. कांग्रेस नेताओं ने कहा कि अधिकारी सरकार को गुमराह कर रहे हैं.