साध्‍वी प्रज्ञा और सात अन्य लोगों को देवास की एक अदालत ने एक फरवरी, 2017 को जोशी हत्याकांड के मुकदमे में ठोस सबूतों के अभाव में आरोपों से बरी कर दिया था.

इंदौर. मध्य प्रदेश के कानून मंत्री पीसी शर्मा  ने गुरुवार को कहा कि वह 2007 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व प्रचारक सुनील जोशी की हत्या के मामले में बीजेपी नेता प्रज्ञा सिंह ठाकुर को बरी किए जाने के अदालती फैसले का अध्ययन कराने के बाद अब इस बहुचर्चित प्रकरण की फाइल दोबारा खुलवाई जाने की तैयारी है.

प्रज्ञा ने बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर एमपी की भोपाल सीट से वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ मौजूदा लोकसभा चुनाव लड़ा है. प्रज्ञा और सात अन्य लोगों को देवास की एक अदालत ने एक फरवरी, 2017 को जोशी हत्याकांड के मुकदमे में ठोस सबूतों के अभाव में आरोपों से बरी कर दिया था. संघ के पूर्व प्रचारक की देवास के औद्योगिक थानाक्षेत्र में 29 दिसंबर, 2007 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. जनसंपर्क एवं विधि मंत्री पीसी शर्मा ने कहा- सुनील जोशी हत्याकांड की फाइल दोबारा खोली जाएगी. उसमें साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की भूमिका की जांच होगी. उन्होंने कहा- मैं प्रज्ञा को साध्वी भी नहीं कहूंगा, क्योंकि उन्होंने गांधीजी के हत्यारे को देशभक्त और शहीद हेमंत करकरे को देशद्रोही कहा है.