दीपक कौरव, नरसिंहपुर। देश की आजादी की लड़ाई में अखबारों की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। कई समाचार पत्रों ने स्वतंत्रता आंदोलन के लिए जनता को तैयार किया, जिससे आजादी का आंदोलन जन आंदोलन बन गया। यह लेख उन्हीं अखबारों से जुड़ा है।

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दरअसल, मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के नरसिंहपुर जिले (Narsinghpur) में एक ऐसा पुस्तकालय है, जहां भारत की स्वतंत्रता के लिए चलाए गए आंदोलन में मुख्य भूमिका निभाने वाले अखबारों को आज भी संजोए कर रखा गया है। यह पुस्तकालय गाडरवारा में नपा कार्यालय के पास स्थित है। इस पुस्तकालय की स्थापना सन 1914 में हुई थी और इसको तिलक पुस्तकालय के नाम से जाना जाता है।

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इस पुस्तकालय में वो अखबार भी मौजूद है, जिन्हें मोहनदास कर्मचंद गांधी के संपादकीय अंक के रूप में जाना जाता है। लोग इस पुस्तकालय में पहुंच कर देश की स्वतंत्रता में अहम भूमिका निभाने वाले महापुरुषों के संपादकीय अंकों को पढ़ कर आजादी के महत्व को समझने की कोशिश करते हैं।

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ओशो द्वारा पढ़ी हुईं पुस्तकें भी मौजूद

इस पुस्तकालय की स्थापना बाल गंगाधर तिलक के गणेश उत्सव के साथ पुस्तकालय खोले जाने के आवाहन पर की गई थी। इसीलिए इस पुस्तकालय का नाम तिलक रखा गया है। इतना ही नहीं इस पुस्तकालय में ओशो रजनीश के द्वारा पढ़ी हुई पुस्तकें भी रखी गई हैं। और उन पुस्तकों में ओशो रजनीश के हस्ताक्षर भी मौजूद है। जिन्हें लोग देखने इस पुस्तकालय आते हैं।

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