रायपुर- महानदी पर बैराज निर्माण की शिकायत पर एनजीटी ने छत्तीसगढ़ शासन, केंद्र सरकार और याचिकाकर्ता सुदर्शन दास को नोटिस जारी कर 18 मई तक जवाब मांगा है. इस मामले में ओडिशा ने एनजीटी में याचिका लगाते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ महानदी के पानी का अवैध तरीके से उपयोग कर रहा है.
ओडिशा सरकार की याचिका पर एनजीटी के नोटिस पर छत्तीसगढ़ सरकार के महाधिवक्ता जुगल किशोर गिल्डा ने कहा कि राज्य सरकार की ओर ने हमने जवाब दिया है कि अविभाजित मध्यप्रदेश के दौरान जब जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री थे, तब से डैम बन रहे हैं. 2013 तक काफी बैराज बन चुके हैं.
महाधिवक्ता जुगलकिशोर गिल्डा ने कहा कि महानदी के पानी को लेकर छत्तीसगढ़-ओडिशा के विवाद का मसला एनजीटी की परिधि में नही आता. एनजीटी ने ओडिशा की याचिका को गलत ढंग से लिया है. इसे खिलाफ छत्तीसगढ़ शासन की ओऱ से कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई है, जहां सुनवाई लंबित है.
गिल्डा ने कहा कि अोडिशा सरकार की ओर से लगाई गई याचिका पर सुदर्शन दास, छत्तीसगढ़ सरकार और केंद्र सरकार को नोटिस जारी करने के साथ-साथ ओडिशा सरकार के वकील ने महानदी पर बैराज निर्माण पर अंतरिम रोक की मांग की थी, जिससे एनजीटी ने इंकार कर दिया.