नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पटना की एक विशेष अदालत में हथियार बरामदगी के मामले में पांच लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। एनआईए के एक अधिकारी ने कहा कि एजेंसी ने परशुराम सिंह उर्फ नंदलाल, संजय सिंह, प्रेम राज उर्फ गौतम कुमार, राकेश कुमार और मोहम्मद बदरुद्दीन के खिलाफ आईपीसी की धारा 121-ए और 120बी, धारा 13, 18, 19, 20, 23 के तहत चार्जशीट दाखिल की है। यूए (पी) अधिनियम के 38 और 39, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 4, 5 और 6, धारा 25 (1ए), 25 (1एए), 25 (1बी) (ए), 26 और 35 शस्त्र अधिनियम और धारा 17 आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।

मामला आरोपी व्यक्तियों से हथियार, गोला-बारूद और अन्य आपत्तिजनक सामग्री की बरामदगी और जब्ती से संबंधित है। शुरूआत में मार्च 2021 में बिहार के जहानाबाद थाने में मामला दर्ज कराया गया था और बाद में मामला एनआईए को ट्रांसफर कर दिया गया।

जांच एजेंसी ने मामला दोबारा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। ऐसा ही मामला दानापुर थाने में भी दर्ज कराया गया था, जो मामले से जुड़ा हुआ पाया गया था और मामले की जांच एनआईए ने अपने हाथ में ले ली थी।

एनआईए की जांच में पता चला कि आरोपी परशुराम सिंह प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) का सक्रिय सदस्य था। वह शीर्ष नक्सल कमांडर अरविंदजी उर्फ देव कुमार से जुड़ा था।

एनआईए के एक अधिकारी ने कहा, ” एक शख्स इम्प्रोवाइज्ड हैंड ग्रेनेड बनाता था और झारखंड स्थित माओवादी कमांडरों को आतंकवादी गतिविधियों के लिए अन्य हथियारों और गोला-बारूद के साथ उनके परिवहन को संभालता था। उसने हथियार और गोला-बारूद रखने के लिए अपने दानापुर स्थित गैरेज का इस्तेमाल किया। मोहम्मद बदरुद्दीन ग्रेनेड बनाता था और पूरे मॉड्यूल को अन्य आरोपी व्यक्तियों द्वारा समर्थित किया गया था।”

अधिकारी ने कहा कि उन्होंने आरोपी व्यक्तियों के परिसर से हस्तलिखित दस्तावेज, माओवादी साहित्य और किताबें सहित आपत्तिजनक सामग्री बरामद की है। कई सबूत इकट्ठा करने के बाद उन्होंने चार्जशीट दाखिल करने का फैसला किया।

एनआईए के एक अधिकारी ने कहा, “आरोपियों के दोष को साबित करने के लिए हमारे पास पर्याप्त सबूत हैं। हमारे पास गवाह, डिजिटल सबूत और रिकवर किये गये सामान हैं जो हमारे मामले को मजबूत बनाती है।”