सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। अक्सर आपने देखा होगा, जो लोग कोरोना की जद में आ जाता है, उनमेंअज्ञात डर और भय पैदा हो जाता है. ऐसे लोगों के लिए हौसला और उम्मीद बनकर निधि मिश्रा सामने आई हैं. दो महीनों से कोरोना संक्रमित होने की वजह से शरीर पस्त हो गया है, उठने-बैठने में दिक्कत है, लेकिन तमाम समस्याओं के जूझते हुए वे हॉस्पिटल से परीक्षा दे रही हैं.

दुर्गा कॉलेज में पढ़ाई कर रही निधि मिश्रा बताती हैं कि  बीएड प्रथम वर्ष की परीक्षा हॉस्पिटल से ही दे रही हूं, अभी ऑक्सीजन में हूं. लंबे समय से संक्रमित होने के कारण बहुत कमजोरी है, लिखऩे में दिक्कत होती है, थोड़ी-थोड़ी देर रूक-रूक लिखती हूं. परीक्षा इसलिए दे रहीं हूं, जिससे मेरा साल खराब ना हो.

उन्होंने बताया कि वाट्सएप ग्रुप से प्रश्न पत्र मिल जाता है, घर से कॉपी को उत्तर पुस्तिका बनाकर मंगाई हूं. तीन पेपर में से दो लिख चुकी हूं, औऱ दो एसाईमेंट अभी बाकी है, धीरे-धीरे लिख रही हूं. काम पूरा होते ही कॉलेज में उत्तर पुस्तिका जमा कर दूंगी.

बता दें कि गुढ़ियारी, रायपुर की रहने वाली निधि की शादी देवभोग में हुई है, उसकी पांच साल की बेटी भी है. वे बताती हैं कि 13 अप्रैल को संक्रमित हुई थी, जिसके बाद उमेन हॉस्पिटल में भर्ती हुईं थी. स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने पर संजीवनी हॉस्पिटल में भर्ती हुईं. वहां भी बिगड़ती हालत को देखते हुए 12 मई को एम्स में भर्ती हुई हैं.

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निधि बताती हैं कि अब पहले से स्वास्थ्य में सुधार है. अब तीन लीटर ऑक्सीजन में हूं. वे बताती हैं कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में उनके पति और भाई का साथ मिल रहा है. उनके ससुर का 17 मई को निधन हुआ है.

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