इस हफ्ते शेयर बाजार कई घरेलू और वैश्विक संकेतों के दबाव और समर्थन के बीच झूलता नजर आ सकता है. चाहे बात हो इज़राइल-ईरान तनाव की, अमेरिकी फेडरल रिज़र्व की बैठक की, या फिर मानसून की चाल की—हर एक घटनाक्रम का असर निफ्टी-सेंसेक्स की दिशा पर साफ दिखेगा.

वेल्थव्यू एनालिटिक्स के डायरेक्टर हरशुभ शाह के मुताबिक, इस हफ्ते तकनीकी रूप से निफ्टी का 25,085 का स्तर एक टर्निंग पॉइंट साबित हो सकता है. नीचे सपोर्ट और ऊपर रेजिस्टेंस के बीच बाजार किन स्तरों पर रुक सकता है, आइए जानते हैं.

Also Read This: Stocks in News Today: अडानी से ITC तक ये कंपनियां निवेशकों के रडार पर, कौन बनेगा सोमवार का बाजीगर

इस हफ्ते बाजार की दिशा तय करने वाले 5 बड़े फैक्टर

1. इज़राइल-ईरान तनाव: भू-राजनीतिक जोखिम का दबाव: पिछले हफ्ते बढ़ते तनाव ने कच्चे तेल की कीमतों में 10% तक उछाल ला दिया. यदि हालात और बिगड़ते हैं, तो ईरान द्वारा स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को अवरुद्ध करने की स्थिति में प्रतिदिन 2 करोड़ बैरल तेल की आपूर्ति रुक सकती है, जिससे वैश्विक बाजार में डर बढ़ सकता है. इसका असर भारत जैसी तेल आयातक अर्थव्यवस्था पर महंगाई और चालू खाता घाटे के रूप में देखा जा सकता है.

2. थोक महंगाई (WPI) के आंकड़े: 12 जून को जारी खुदरा महंगाई (CPI) 6 साल के निचले स्तर 2.82% पर रही. अब इस हफ्ते WPI डेटा जारी होने वाला है. अप्रैल में WPI 0.85% पर थी (मार्च में यह 0.53% थी). यदि थोक महंगाई और कम होती है, तो RBI पर ब्याज दरों में कटौती का दबाव बढ़ सकता है.

Also Read This: Arisinfra Solutions IPO: 18 जून को होगा ओपन, 20 जून तक लगा सकेंगे बोलियां, न्यूनतम निवेश ₹14,874

3. मानसून की चाल: इस बार सामान्य से बेहतर मानसून की संभावना जताई गई है. यदि मानसून ट्रैक पर रहा, तो FMCG, कृषि और ग्रामीण सेक्टर को समर्थन मिलेगा. हालांकि, यदि मानसून कमजोर पड़ता है, तो ग्रामीण मांग घट सकती है, जिससे बाजार में गिरावट संभव है.

4. FPI का रुझान कैसा रहेगा? अगर FPI की बात करें तो जून महीने में अब तक 4,812 करोड़ रुपये के शेयर बेचे जा चुके हैं. अगर यह ट्रेंड जारी रहा, तो बाजार पर दबाव बना रहेगा. हालांकि, यदि फेडरल रिजर्व से सकारात्मक संकेत मिलते हैं, तो विदेशी निवेशकों की वापसी संभव है.

5. अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक: इस हफ्ते Fed Chair जेरोम पॉवेल की टिप्पणी बाजार के लिए निर्णायक हो सकती है. यदि फेड ब्याज दरों में कटौती के संकेत देता है, तो यह भारत समेत उभरते बाजारों के लिए सकारात्मक रहेगा. लेकिन यदि फेड कड़ा रुख बनाए रखता है, तो बाजार में गिरावट तेज हो सकती है.

Also Read This: Share Market Update: ईरान-इजरायल युद्ध के बीच बाजार में मामूली तेजी, जानिए किस सेक्टर में आया उछाल

अन्य महत्वपूर्ण वैश्विक घटनाएं जिनका असर बाजार पर हो सकता है

  • G7 समिट (15–17 जून | कनाडा, अल्बर्टा)
  • बैंक ऑफ जापान की पॉलिसी बैठक (17 जून)
  • भारत का व्यापार घाटा (ट्रेड बैलेंस) डेटा (16 जून)

निवेशकों के लिए सुझाव

  • इंट्राडे ट्रेडर्स: 24,850–25,085 की रेंज पर नज़र रखें
  • स्विंग ट्रेडर्स: केवल तब लॉन्ग पोजीशन बनाएं जब निफ्टी 25,085 के ऊपर क्लोजिंग दे
  • लॉन्ग टर्म इन्वेस्टर्स: वीकली डेटा, मानसून और फेड संकेतों का इंतज़ार करें

Also Read This: एक टब या दो टब वाली वॉशिंग मशीन ? जानिए कौन सी है आपके लिए बेहतर