नई दिल्ली. निर्भया गैंगरेप के आरोपियों की फांसी जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे नए-नए खुलासे हो रहे है. अब इस दर्दनाक घटना को वारदात देने वाले अपराधी मुकेश सिंह की वो बात सामने आई है, जिसमें गैंगरेप के इस घिनौने वारदात को करने के बाद उन्होंने इतनी बेरहमी क्यों की यह बताई है.
लेकिन उससे पहले आपको पूरी घटना के बारे में बताते है. पैरामेडिकल की छात्रा निर्भया 16 दिसंबर, 2012 की दिल दहला देने वाली रात अपने एक दोस्त के साथ साकेत स्थित सेलेक्ट सिटी मॉल में ‘लाइफ ऑफ पाई’ फिल्म देखने निकली थी. फिल्म देखने के बाद घर जाने के लिए उन्होंने ऑटो में बैठी. उस ठंडी रात जब निर्भया और उसका दोस्त ऑटो में सवार हुए, तब 8 बजे थे. हालांकि, ऑटो वाले ने उन्हें रात 8.30 बजे मुनिरका बस स्टैंड पर उतार दिया, यहां वे अन्य सवारी का इंतजार करने लगे. इसी दौरान एक सफेद रंग की बस वहां आकर रूकी, जिसमें बैठा एक लड़का लड़का पालम मोड़ और द्वारका जाने के लिए आवाज लगाने लगा, यह सुनकर निर्भया औऱ उसका दोस्त दोनों बस में सवार हो गए. बस थोड़ी आगे चली ही थी कि बस सवारों ने उसका गेट बंद कर दिया और तीन लोग सीट की तरफ आए, जिन्होंने निर्भया के चेहरे पर पहले घूंसा मारा. इस पर निर्भया ने पुलिस को फोन करने का प्रयास किया तो दोषियों ने उससे मोबाइल छीन लिया.
इसके बाद दोषियों ने निर्भया के दोस्त को लोहे की रॉड से पीटा, दोस्त गिर गया तो उन्होंने निर्भया को खींचा और उसे पिछली सीट पर ले गए, जहां उसके साथ गैंगरेप किया गया. इन लोगों ने दोनों को दक्षिण दिल्ली के महिपालपुर के नजदीक वसंत विहार इलाके में चलती बस से फेंक दिया और भाग गए.
निर्भया के साथ दरिंदगी होने के कारण उसकी हालत नाजुक होती जा रही थी, उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था, तमाम कोशिश के बाद भी उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ और उसे सिंगापुर के माउन्ट एलिजाबेथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था, 29 दिसंबर को निर्भया ने रात सवा दो बजे दम तोड़ दिया.
अब बात करते है कि निर्भया के साथ ये दरिंदगी अपराधियों ने क्यों की. खबर है कि दोषी मुकेश की मां अदालत में बेटे की फांसी रोकने के लिए रो पड़ी थीं. दोषी मुकेश वहीं है जो 2015 में बीबीसी की एक डॉक्यूमेंट्री में भी दिखा था और उसने दुनिया के सामने अपने विचार रखे थे. उस डॉक्यूमेंट्री में मुकेश ने जो बातें कही थीं वह उसकी सोच सामने लाती है.
मुकेश सिंह ने बीबीसी 4 के लिए लेसली उड्विन से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए कहा कि बलात्कार के लिए पुरुषों से ज्यादा महिलाएं जिम्मेदार हैं. उसने कहा था कि दिसंबर 2012 की उस रात ‘निर्भया’ अपने एक पुरुष दोस्त के साथ घर लौटते वक्त एक बस पर सवार हुई, बस में निर्भया से छेड़छाड़ का विरोध होने पर उसके दोस्त को बेरहमी के साथ पीटा गया और बस के पिछले हिस्से में निर्भया के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया. इस घटना पर मुकेश सिंह ने डॉक्यूमेंट्री में कहा था- ‘शालीन महिलाओं को रात में नौ बजे के बाद घर से बाहर नहीं घूमना चाहिए. दुष्कर्म के लिए लड़की हमेशा लड़के से ज्यादा जिम्मेदार होती है. लड़का और लड़की बराबर नहीं हैं. लड़की को घर का काम करना चाहिए, न कि रात को डिस्को या बार में जाकर गलत काम करने और खराब कपड़े पहनने चाहिए’
‘निर्भया’ के साथ हुई हिंसा पर मुकेश ने कहा था- ‘दुष्कर्म के वक्त उसे (निर्भया को) विरोध नहीं करना चाहिए था. उसे चुपचाप दुष्कर्म होने देना चाहिए था. अगर ऐसा होता तो हम उसे बिना कोई नुकसान पहुंचाए छोड़ देते, और सिर्फ उसके दोस्त की पिटाई की जाती’.
ये छोटी सोच के घिनौने विचार दुष्कर्म के अपराधी मुकेश सिंह के है. लल्लूराम डॉट कॉम एक अपराधी के इस विचार से बिल्कुल इत्तेफाक नहीं रखता. इस विचार से आप भी इत्तेफाक नहीं रखते तो इस खबर को शेयर जरूर करें और समाज को ये बताने में मदद करें कि आज बेटियां किसी से पीछे नहीं है और समाज में दुष्कर्म जैसे अपराधों पर तभी लगाम लगेगा जब हम बेटियों की इज्जत करेंगे और उन्हें मान-सम्मान देंगे.