नेहा केशरवानी, रायपुर. छत्तीसगढ़ में हो रहे धर्मांतरण को लेकर शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती महाराज का बयान सामने आया है. शंकराचार्य निश्चलानंद महाराज ने कहा, धर्मांतरण के लिए सरकार और राज्यपाल दोषी हैं. ये अपने दायित्व का निर्वाहन नहीं करते, इसलिए धर्मांतरण हो रहा है. सेवा के नाम पर हिन्दू को अल्पसंख्यक बनाने का काम हो रहा है, जिसके लिए हिन्दू भी जिम्मेदार हैं. अपनी समस्या का समाधान मिलकर करिए. एक समिति का गठन करिए, जिसमे विधायक, सांसद और पार्षद को जोड़ें. उनसे हर तीन महीने में उनके कार्यों के बारे में जानकारी लें.

वहीं राम मंदिर को लेकर शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने कहा, राम मंदिर को लेकर अभी मोदी और योगी जी श्रेय ले रहे हैं,
लेकिन नरसिंह राव के कार्यकाल के समय ‘मैं हस्ताक्षर कर देता तो उसी समय मंदिर और मस्जिद बन जाता’.

तीन मठों के मठाधीश के रायपुर आने की बात पर शंकराचार्य ने कहा, उन्हे मान्यता आप देंगे? कोई भी शंकराचार्य बनकर आएगा, उसे शंकराचार्य थोड़ी मान लेंगे. पूर्व में शंकराचार्य ने अपने जीवन काल में किसी को जीवित समय में शंकराचार्य घोषित नहीं किया, पुराने तो मेरे परिचित थे. नए मेरे परिचित नहीं हैं.

भगवान राम के नाम पर बीजेपी और कांग्रेस की सियासत पर उन्होंने कहा, राजनीति राजधर्म का ही नाम है. परोपकार सेवा संयम धर्म की सीमा है. धर्म की सीमा का अतिक्रमण कर राजनीति नहीं की जानी चाहिए, लेकिन इसका दुरुपयोग नहीं होनी चाहिए.