नई दिल्ली। नोएडा के बहुचर्चित निठारी कांड में आरोपी मनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोली को फांसी की सजा सुनाई गई है. गाजियाबाद की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने 20 वर्षीय पिंकी सरकार रेप और मर्डर केस में पंढेर और सुरेंद्र कोली को दोषी पाया था. साल 2006 में हुए निठारी कांड का यह 8वां केस है, जिसमें दोनों को सजा सुनाई गई है.
अदालत ने अभियोजन पक्ष के वकील जे. पी. शर्मा की दलीलों पर गौर किया. शर्मा ने अदालत से कहा कि वैज्ञानिक तथ्यों से यह साबित हो चुका है कि कोली ने युवती का अपहरण किया, उसके साथ दुष्कर्म किया और फिर उसकी हत्या कर दी. उसने सबूतों के साथ छेड़छाड़ भी की. घटना 5 अक्टूबर, 2006 की है, जब पीड़िता अपने कार्यालय से घर लौट रही थी और निठारी में पंढेर के घर के सामने से गुजर रही थी.
कोली ने महिला की हत्या कर उसका सिर धड़ से अलग कर दिया और खोपड़ी घर के पिछले हिस्से में फेंक दी, जिसे सीबीआई ने बाद में बरामद किया था. खोपड़ी का डीएनए पीड़िता के माता-पिता के डीएनए से मैच कर गया. कोली के पास बरामद पीड़िता के कपड़ों की पहचान भी उसके माता-पिता ने की थी. अदालत ने अपने फैसले में कहा कि पंढेर इस पूरी आपराधिक साजिश में शामिल था.
साल 2006 में देश को झकझोर देने वाला निठारी कांड अभी भी लोगों के जेहन में कड़वी याद के तौर पर जिंदा है. निठारी स्थित कोठी नंबर D-5 के बाहर उस वक्त सैकड़ों लोग जमा हो गए, जब कोठी के पीछे स्थित नाले से एका एक कई कंकाल और खोपड़ियां मिलने लगीं. इसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए थे, जिन्हें सुनकर लोग कांप गए.
इस मामले में कोठी के मालिक मनिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली आरोपी थे. निठारी पुलिस लगातार लापता हो रहे बच्चों को लेकर पहले से ही परेशान थी. पुलिस ने 29 दिसंबर, 2006 को निठारी कांड का खुलासा करते हुए कोठी नंबर D-5 से मनिंदर सिंह पंढेर और उनके नौकर सुरेंद्र कोली को गिरफ्तार किया था.
सीबीआई ने सुरेंद्र कोली के खिलाफ युवती का अपहरण, रेप और हत्या का मुकदमा दर्ज किया. सीबीआई ने 46 गवाहों को पेश करके उनके बयान दर्ज कराए. वहीं, बचाव पक्ष की तरफ से महज 3 गवाह पेश किए गए. बता दें कि इस जघन्य अपराध के दोषी सुरेंद्र कोली को अब तक 7 मामलों में फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है.