रायपुर। भारत शासन के नीति आयोग ने प्रदेश के आकांक्षी जिला राजनांदगांव में मिशन फॉर इंटिग्रेटेड डेव्हलपमेंट हॉर्टिकल्चर (एमआईडीएच) के अंतर्गत नवाचार कार्यक्रम ’हरीतिका’ के तहत उद्यानिकी क्षेत्र में समग्र विकास सुनिश्चित करने के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना की है. आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रशिक्षण, तैयारियों और पौधरोपण के कार्य पूर्ण गति से किए जा रहे हैं, जिसकी नीति आयोग द्वारा प्रशंसा की गई.

आंकाक्षी जिला राजनांदगांव में मल्चिंग विधि से किसानों को पपीता, केला और विभिन्न प्रकार के सब्जियों की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. जिले में नवाचार करते हुए पपीते के पेड़ में फले कच्चे पपीते में चीरा लगाकर उसका दूध एकत्रित कर पपेन बनाने का कार्य किया जा रहा है. जिसे दवाई निर्माण के लिए बिक्री किया जाएगा.

खैरागढ़ विकासखंड के ग्राम साल्हेवारा के कृषक सुरेश कोचर के खेत के पौधों में ऐसा नवाचार आरंभ किया गया है. उद्यानिकी विभाग की ओर से किसानों को फल एवं सब्जियां लगाने के लिए सहायता एवं प्रोत्साहन दिया जा रहा है.