पटना। लोक आस्था का महापर्व छठ पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। आज पर्व का दूसरा दिन था, जिसे खरना के नाम से जाना जाता है। इस अवसर पर बिहार भर में छठव्रतियों ने सूर्यास्त के बाद विधिवत पूजा-अर्चना कर प्रसाद ग्रहण किया। राजधानी पटना में भी छठ की छटा देखने लायक थी, वहीं राजनीतिक गलियारों में भी इस पर्व ने एकता और सौहार्द का संदेश दिया।
राजनीतिक दृष्टि से भी खास मानी जा रही
रविवार की शाम एक खास दृश्य तब देखने को मिला जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के आवास पर पहुंचे और छठ का खरना प्रसाद ग्रहण किया। यह मुलाकात न सिर्फ धार्मिक बल्कि राजनीतिक दृष्टि से भी खास मानी जा रही है।
गर्मजोशी भरा संवाद देखने को मिला
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का काफिला जैसे ही चिराग पासवान के पटना स्थित आवास पर पहुंचा, चिराग खुद बाहर निकलकर उनका स्वागत करने आए। गाड़ी से उतरते ही चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री का चरण स्पर्श कर उनका अभिवादन किया। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच गर्मजोशी भरा संवाद देखने को मिला। नीतीश कुमार मुस्कुराते हुए बोले, क्या जी… हम तो ऐसे ही दर्शन करने चले आए।
शांति, समृद्धि और सद्भाव की कामना की
इसके बाद मुख्यमंत्री ने घर के अंदर जाकर छठ माता की पूजा-अर्चना की और खरना प्रसाद ग्रहण किया। प्रसाद में गुड़-चावल से बना खीर, रोटी और फल आदि शामिल थे। दोनों नेताओं ने एक साथ बैठकर प्रसाद ग्रहण किया और बिहार में शांति, समृद्धि और सद्भाव की कामना की।
राजनीतिक रूप से भी अहम माना जा रहा
छठ पर्व के इस अवसर पर नीतीश कुमार का चिराग पासवान के घर जाना राजनीतिक रूप से भी अहम माना जा रहा है। आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को देखते हुए यह मुलाकात कई तरह के संकेत देती है। पिछले कुछ समय से एनडीए गठबंधन में रिश्तों के समीकरणों पर चल रही चर्चाओं के बीच यह दृश्य राजनीतिक संदेशों से भरा नजर आया।हालांकि नीतीश कुमार ने इस मुलाकात को धार्मिक आयोजन का हिस्सा बताया और कहा कि वे आस्था और परंपरा से जुड़े पर्व में शामिल होने आए हैं। वहीं चिराग पासवान ने कहा कि छठ महापर्व हमारी संस्कृति की आत्मा है, यह पर्व हमें जोड़ता है, तोड़ता नहीं।
सियासत में नई दिशा भी दे सकती है
दोनों नेताओं की इस मुलाकात के बाद सोशल मीडिया पर तस्वीरें और वीडियो तेजी से वायरल हो गए। लोगों ने इसे आस्था के साथ राजनीतिक सौहार्द का दृश्य बताया। कई समर्थकों ने कहा कि यह मुलाकात बिहार की सियासत में नई दिशा भी दे सकती है।
सख्त निर्देश दिए गए हैं
छठ पर्व को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहले ही प्रशासन को सुरक्षा और साफ-सफाई के सख्त निर्देश दिए थे। राजधानी सहित पूरे राज्य में घाटों पर भारी भीड़ उमड़ी, और श्रद्धालुओं ने सूर्य को अर्घ्य देने की तैयारियां शुरू कर दीं।छठ न सिर्फ बिहार की पहचान है बल्कि एक सामाजिक एकता का प्रतीक भी है। नीतीश कुमार और चिराग पासवान का साथ बैठकर प्रसाद ग्रहण करना इस बात का प्रतीक बना कि छठ जैसे पर्व राजनीति से ऊपर उठकर समाज को जोड़ने का काम करते हैं।
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