मनीषा त्रिपाठी, भोपाल। निजी और सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही के चलते मरीजों की जान जोखिम में आने के कई मामले देखने को मिलते है। ऐसे में NMC की एथिक्स कमेटी की बैठक इसे लेकर बड़ा निर्णय लिया गया है। अगर अब इलाज में लापरवाही के दौरान किसी डॉक्टर पर गंभीर आरोप लगाए जाते हैं तो डॉक्टर पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
दरअसल, निजी अस्पताल हो या फिर सरकारी अस्पताल कई बार डॉक्टरों की लापरवाही से मरीजों की जान पर बात आ जाती है। वहीं कई बार तो मरीज की जान भी चली जाती है। ऐसे में उनके परिजनों को इंसाफ भी नहीं मिल पाता। इसके बाद अब एनएमसी की एथिक्स कमेटी की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि, अगर इलाज में लापरवाही के दौरान किसी डॉक्टर पर गंभीर आरोप लगाए जाते हैं तो उसे डॉक्टर पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बतादें कि, इलाज में लापरवाही करने वाले डॉक्टर की गंभीर शिकायत पर 6 महीने के अंदर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। नेशनल मेडिकल कमिशन की एथिक्स और मेडिकल रजिस्ट्रेशन बोर्ड की एमपी इकाई ने इस संबंध में निर्णय लेगी। प्रदेश में अब तक 2013 से अब तक 100 से ज्यादा डॉक्टर के खिलाफ शिकायतें लंबित है। ऐसे में गुण- दोष के आधार पर डॉक्टर के पंजीयन निरस्त करने की अनुशंसा करेगा। शिकायतकर्ता को समय पर न्याय मिल सके और डॉक्टर की अगर लापरवाही है, तो उसपर कार्रवाई की जाएगी। डॉक्टर की सुरक्षा और ओपिनियन को लेकर भी नए सिरे से गाइडलाइंस तय की जाएगी।
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