बचेली। एनएमडीसी ने बस्तर के 29 युवक-युवतियों को रोजगार-परक शिक्षा उपलब्ध कराकर उन्हें स्वावलंबी बनाने के उदेश्य से  मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण उपलब्ध कराने के लिए भुवनेश्वर स्थित सेन्चुरियन यूनिवर्सिटी (सीयूटीएम) भेजा है. प्रशिक्षण पूर्ण करने के बाद इन युवाओं को एनएमडीसी में नौकरी मिलेगी.

सीयूटीएम के साथ हुए समझौते के तहत बस्तर संभाग के चयनित युवक-युवतियों को सीयूटीएम भुवनेश्वर में निशुल्क प्रशिक्षण के अतिरिक्त चयनित विद्यार्थियों को निशुल्क पुस्तकें, छात्रावास सुविधा व प्रैक्टिकल सुविधा सहित पांच सौ रूपए प्रति माह की दर से स्टाइपेंड भी दिया जाएगा.

इसी क्रम में बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा जिले से चयनित सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े 29 आदिवासी छात्र-छात्राओं के दूसरे दल को प्रशिक्षण के लिए सीयूटीएम, भुवनेश्वर रवाना किया गया. चयनित विद्यार्थी एनएमडीसी के किरंदुल और बचेली प्रोजेक्ट क्षेत्र के आसपास के गांव के है. इससे पहले पहले दल के रूप में 32 छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण के लिए भुवनेश्वर भेजा है.

इसे भी पढ़ें : छत्तीसगढ़: मंत्री कवासी लखमा के बड़े भाई हिड़मा लखमा का निधन, CM भूपेश ने जताया दुख

एनएमडीसी के किरंदुल परियोजना के अधिशासी निदेशक आर. गोविन्दराजन और बचेली प्रोजेक्ट के मुख्य महाप्रबंधक पीके मजुमदार ने गुरूवार को सभी चयनित विद्यार्थियों को ले जा रहे बस को हरी झंडी दिखाकर भुवनेश्वर के लिए रवाना किया. इस अवसर पर धमेन्द्र आचार्य, संजय वासु, केपी दास, जी वेलवसंथन, जितेन्द्र कुमार, बीआ मरकाम, राजेन्द्र यादव, मो असदुल्लाह समेत वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.

इसे भी पढ़ें : पंजाब: ED ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व विधायक सुखपाल को किया गिरफ्तार

बता दें कि एनएमडीसी ने बस्तर के युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें स्वास्थ के क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराने की दृष्टि से सीयूटीएम, ओडिशा के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है. इसके तहत एनएमडीसी द्वारा चयनित युवाओं को सीयूटीएम द्वारा मेडिकल लैब-तकनीशियन, रेडियोग्राफी-तकनीशियन, आपातकालीन चिकित्सा देखभाल जैसे विभिन्न रोजगार-परक पाठ्यक्रमों में प्रवेश देकर उन्हें न केवल प्रशिक्षित किया जाएगा, बल्कि प्रशिक्षण उपरान्त सत्तर फीसदी युवाओं को कैम्पस प्लेसमेंट के माध्यम से रोजगार भी उपलब्ध कराया जाएगा.