राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना का संक्रमण शहरों के साथ गांवों में भी बढ़ते जा रहा है. जिसको लेकर प्रशासन की लगातार लापरवाही सामने आ रही है. ऐसी एक खबर प्रदेश की राजधानी भोपाल के खजूरीकला गांव से सामने आई है. यहां गांव में कोरोना संक्रमण जांच के लिए कोई व्यवस्था नहीं है.
जानकारी के मुताबिक खजूरीकला गांव राजधानी से बिलकुल लगा हुआ है. यहां गांव में कई लोग बीमार हैं, लेकिन कोरोना जांच की कोई सुविधा नहीं है. यहां के मरीज अपनी जान जोखिम में डालकर झोलाछाप डॉक्टरों के भरोसे इलाज करा रहे हैं.
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गांव में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का अभाव
वहीं ग्रामीणों को टेस्टिंग के लिए गांव से काफी दूर शहरी सीमा में आना पड़ता है, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर सरकार के वो तमाम दावे यहां फेल नजर आते हैं. अव्यवस्था का आलम ये है कि गांव में प्राथमिक स्वास्थ केंद्र भी नहीं है.
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भगवान भरोसे मरीज
बता दें कि खजुरीकला गांव की आबादी लगभग 10 हजार है. बावजूद इसके यहां सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का कोई लाभ नहीं मिल रहा है. जबकि कि इस संक्रमण के दौर में देश के प्रधानमंत्री ने गांव पर फोकस करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन मध्य प्रदेश के इस गांव के लोग भगवान भरोसे जी रहे हैं.
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